भाजपा ने जिला पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव को बताया कांग्रेस की नौटंकी

जिला पंचायत सदस्यों ने पेश किया है अविश्वास प्रस्ताव

 

जिला पंचायत में अपनी दुकान नहीं चला पाने वालो साजिश  

 

अम्बिकापुर

 

जिला पंचायत सरगुजा में विपक्षी दल कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पंचायत विभाग के संचालक को पत्र दिया है इस पत्र में दस जिला पंचायत सदस्य के हस्ताक्षर सहित पत्र दिया गया है। वही कांग्रेस द्वारा अविश्वास लाये जाने के मामले में भाजपा ने इसे कांग्रेस की नौटंकी बताई है भाजपा का कहना है की कांग्रेस के पात जिला पंचायत में शुरू से ही बहुमत है तो वो जब चाहे तब अविश्वास ला सकते है इसमें इतना नौटंकी करने की जरूरत नहीं है।  जिला पंचायत में 14 सदस्य है और अविश्वास के लिए एक तिहाई मत यानी की पांच सदस्यों के मतों की आवश्यकता है और कान्ग्रेस ने दो तिहाई बहुमत के साथ अविश्वास पत्र दिया है इसमें चुनाव की स्थित में सताधारी दल के पक्ष में अगर 4 मत भी पद जाते है तो अविश्वास का प्रस्ताव रद्द हो जाएगा और सरगुजा की जिला पंचायत में भाजपा के 8 जिला पंचायत सदस्य है और दो मत तो खुद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के है लिहाजा चार वोट मिलने के बाद अविश्वास प्रस्ताव रद्द होने की स्थिती ही होगी। बहरहाल अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे जिला पंचायत की निसक्रियता को कांग्रेस बड़ा कारण बता रही है तो वही आम चर्चा यह भी है की जिला पंचायत उपाध्यक्ष को हटाने के लिए कांग्रेस द्वारा लेन देन का खेल भी शुरु कर दिया गया है।

 

वही जिला पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ पेश किये गए अविश्वास प्रस्ताव में दस सदस्यों के हस्ताक्षर है जबकी विपक्षियो के पास 6 सदस्य और सत्ता धारी दल के पास 8 सदस्य है ऐसे में अविश्वास को दस लोगो के समर्थन को जोड़ तोड़ की राजनीति से देखा जा रहा है। वही जिला पंचायत सदस्यों ने अपने अविश्वास प्रस्ताव को पंचायत विभाग के उप संचालाक को देने की कोशिस की लेकिन उन्होंने बताया की अविश्वास प्रस्ताव पत्र लेने का अधिकार उनको नहीं है इसका अधिकार संचालक महोदय को ही है लिहजा जिला पंचायत से सभी सदस्य पंचायत संचालक कार्यालय रायपुर के लिए रावना हो चुके है।

 

अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस की नौटंकी – भारत

इस मामले को भाजपा नेता भारत सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस की नौटंकी बतया है उन्होंने कहा की जब कांग्रेस के पास बहुमत है तो उसे बहोत पहले ही अविश्वास प्रस्ताव ले आना था वो क्या कोई भी जिसके पास बहुमत है वो संविधान के नियमो के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। लेकिन कांग्रेस का मकसद अविश्वास प्रस्ताव लाना नहीं बल्की नौटंकी करना है।  श्री सिसोदिया ने बतया की जिला पंचायत की 14 सीटो में आठ भाजपा और 6 कांग्रेस के पास है और अविश्वास लाने के लिए कांग्रेस को मात्र एक तिहाई बहुमत की आवश्यकता है लेकिन इस विश्वास प्रस्ताव को रद्द कराने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को महज 4 सदस्यों की ही आवश्यकता है जिसमे से दो वोट तो खुद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के है ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव ला पाना संभव नहीं होगा।

 

राकेश गुप्ता जिला पंचायत सदस्य

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले जिला पंचायत सदस्य राकेस गुप्ता ने बताया की हमने एक तिहाई नहीं बल्की दो तिहाई बहुमत के साथ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।  अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जब दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है तो चुनाव होने तक अध्यक्ष उपाध्यक्ष अपने पद का उपयोग नहीं कर सकते है।  इस लिए हमने दो तिहाई बहुमत के साथ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

 

फुलेश्वरी सिंह अध्यक्ष जिला पंचायत सरगुजा

इस सम्बन्ध में जिला पंचायत अध्यक्ष फुलेश्वरी सिंह ने बताया की जो लोग जिला पंचायत में राजनैतिक लाभ लेकर व्यापार करना चाह रहे है और उनकी महत्वाकान्छाये पूरी नहीं हो रही है वो पद पाने के लालच में ये सब कर रहे है मेरा जिला पंचायत सदस्यों से कोई विवाद नहीं सब मेरे साथ है और अभी भे मेरे सामने ही बैठे है अविश्वास प्रस्ताव पास होने जैसा कुछ नही है।