गाज गिरने से घायल मरीजों के परिजन होते रहे परेशान … नर्साें के भरोसे चल रहा अस्पताल

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदहाल… अक्सर ऐसे ही परेशान होते है मरीज और परिजन  

उदयपुर से क्रांति रावत

अम्बिकापुर :- शुक्रवार को सायं 4 बजे के बाद आये अंधाधुंध बारिश और तेज गर्जना के साथ गाज गिरने से 4 लोग घायल हो गये घायलों में 7माह की सुनीता, चार साल का शिबा, और पच्चीस वर्ष के दो युवक सलबा निवासी एकलव्य और नारायणपुर निवासी नरेश शामिल थे। देर रात 9 बजे करीब घायलों को परिजनों द्वारा किसी तरह साधन व्यवस्था कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर लाया गया। जहां भारी अव्यवस्था देखने को मिली। मरीजों के ईलाज के लिए अस्पताल में कोई भी डाॅक्टर उपलब्ध नहीं था। भारी बारिश के बाद बिजली भी नहीं थी पूरे अस्पताल परिसर में धुप्प अंधेरा छाया हुआ था। काफी देर बाद सोलर लाइ्रट को चालु किया गया । अस्पताल में एक मात्र नर्स उपलब्ध थी जो ओपीडी, दवा वितरण से लेकर मरीजों को इंजेक्शन लगाने के साथ साथ उनकी देख रेख कर रही थी। डाॅक्टरों के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि ड्यटी वाले डाॅक्टर यहां रहते ही नहीं हैं। ओपीडी के टाईम पर सुबह आते है और एक बजे के बाद वापस चले जाते है। इसी अस्पताल में पदस्थ एक डाॅक्टर साहब ऐसे भी है जो शाम 7 बजे के बाद अपने घर से निकलते ही नहीं और ना ही किसी का ईलाज करते है। मरीज तड़पता रहे इससे उन्हे कोई मतलब नहीं होता। बीएमओ साहब अपने क्र्वाटर में आराम करते रहे उन्हे भी मरीजों की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं । प्रसुति वार्ड मंे भी 2 गर्भवती महिलायें थी वार्ड में लाईट ना होने से गर्भवती महिलायें एवं उनके परिजन भी काफी परेशान थे। वाटर एटीएम एवं पानी टंकी में पानी भी उपलब्ध नहीं था पानी और बोरिंग भी खराब पड़ा हुआ था। पानी के लिए लोग परेशान दिखायी दिये। मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों द्वारा मोबाईल से इन सब अव्यवस्थाओं की सूचना सीईओ सह डिप्टी कलेक्टर उमेश पटेल और तहसीलदार उदयपुर बी कूजूर को दी गयी। सूचना के 10 मिनट के भीतर के राजस्व विभाग के लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पूरे अस्पताल परिसर को घूम कर देखे कोई डाॅक्टर मौजूद नहीं मिलने पर सभी लोग बीएमओ के क्र्वाटर में गये काफी मशक्कत के बाद उन्हे उठाने में राजस्व अमला सफल हुआ और डाॅक्टर साहब के साथ पहुंचकर सभी मरीजों को देखा। इसके बाद अन्य चिकित्सक भी रात साढ़े दस बजे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुहंचे। डाॅक्टरों के अभाव में परिजन मरीजों एवं बच्चों को साथ लेकर बाहर ही बैठे हुये थे। बीएमओ डाॅ.जी.एल.मिरी डाॅक्टर द्वारा बेहतर चिकित्सा सुविधा का आश्वासन दिया गया। परिजनों ने राजस्व अमले के समझाईश पर सभी मरीजों को वार्ड में एडमिट किया। सभी मरीजों की स्थिति खतरे से बाहर होने की सूचना राजस्व अमले द्वारा एसडीएम आरएन सिंह को मोबाईल के माध्यम से दी गयी। एक ओर शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े बड़े दावे किये जाते है परंतु यथार्थ में इनकी स्थिति क्या है आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला। जहां बिजली गुल होने से टार्च जलाकर काम चलाया जाता है।

डाॅ. जीएल मिरी, बीएमओ 

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बारे में पुछे जाने पर बीएमओ  ने बताया कि 2 डाॅक्टर यहां नहीं रहते है ओपीडी के समय उनका आना जाना होता है। दोनों यहां रहते तो सुविधाओं में कमीं नही होती। लाईट के विषय में बताया गया कि बैट्री काफी दिनों से खराब है बदलने के लिए मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार कंपनी को पत्र लिखा गया है परंतु अभी तक व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है। प्रसुति वार्ड में इनर्वटर का कनेक्शन नहीं है केबल जला हुआ है। लाईट गोल होने पर दिक्कत है।