सात हजार बसाहटें बारहमासी सड़कों से जुड़ी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सामान्य क्षेत्रों में पांच सौ की आबादी और आदिवासी क्षेत्रों में ढाई सौ की आबादी वाले गावों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। योजना के नये दिशा-निर्देशों के अनुसार जिन सड़कों में एक सौ से कम वाहनों का आवागमन होता है, वहां डामरीकृत सतह की चौड़ाई तीन मीटर और जिन सड़कों में एक सौ से ज्यादा वाहनों का आवागमन है, वहां डामरीकृत सड़कों की चौड़ाई 3.75 मीटर रखे जाने का प्रावधान किया गया है। दोनों स्थितियों में सड़कों की ऊपरी चौड़ाई छह मीटर तक रखने के निर्देश हैं। राज्य शासन द्वारा निर्मित अथवा निर्माणाधीन सडकों की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम लागू की गई है। प्रथम स्तरीय जांच के लिए एक केन्द्रीय प्रयोगशाला, तीन जिला स्तरीय प्रयोगशाला, परियोजना क्रियान्वयन इकाई स्तर में 34 प्रयोगशाला, द्वितीय स्तर पर 46 राज्य गुणवत्ता समीक्षक और तृतीय स्तर पर एआरआरडीए द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक भेजे जाते है।