ढाई घंटे तक बंद रहा आकाशवाणी का प्रसारण : ट्रांसमीटर मे आई खराबी

अम्बिकापुर 

देश के पुराने आकाशवाणियो की फेहरिस्त मे अम्बिकापुर का आकाशवाणी केन्द्र भी शामिल है। लेकिन ये आकाशवाणी 1976 से लगे तकनीकी यंत्र के सहारे अभी तक संचालित है। ऐसे मे यंहा के यंत्र अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर भी हो गए है। और बार बार रिपेरिंग के सहारे इनका संचालन करना अधिकारियो

आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर
आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर

की मजबूरी बन गई है। लेकिन इसी मजबूरी के बीच मंगलवार को अम्बिकापुर आकाशवाणी का प्रसारण पूरी तरह से ठप्प हो गया। जो आकाशवाणी जैसी संस्था के लिए किसी काले दिन की तरह होता है।

21 सदी और अत्याधुनिक तकनीको के बीच अम्बिकापुर का आकाशवाणी केन्द्र आज भी 1976 के तकनीक और यंत्रो के सहारे संचालित हो रहा है। सुनकर हैरानी जरुर होगी, लेकिन सच तो यही है कि तंरगो से माध्यम से जो आकाशवाणी समूचे जिले, राज्य और देश मे अपनी आवाज पंहुचाता है। उसके दशा सुधारने के लिए अभी तक केन्द्र सरकार ने कोई ध्यान नही दिया है। जिससे अब यंहा के जर्जर हो चुके यंत्र अपने बदलाव की गुहार लगाने लगे है। क्योकि आय दिन इन यंत्रो मे खराबी आने लगी है।

अम्बिकापुर आकाशवाणी के लिए 12 अगस्त 2014 का दिन काले दिन के रुप मे दर्ज किया जाएगा। क्योकि आकाशवाणी के इतिहास मे पहली बार ऐसा हुआ है जब 12 अगस्त 2104 को आकाशवाणी का प्रसारण 2.30 घंटे के लिए पूरी तरह से ठप्प हो गया। जानकारी के मुताबिक सुबह 5.53 बजे से सुबह 8.27 बजे तक तकरीबन 2.30 घंटे तक आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर रेडियो से नदारद रहा।

अकाशवाणी केन्द्र के निदेशक श्री एल.एल.भौर्य के मुताबिक ये समस्या आकाशवाणी केन्द्र के प्रसारण स्थल सिलफिली के ट्रांसमीटर मे तकनीकी खामियो की वजह से आई है। श्री भोई ने बताया कि वो यंहा 7 वर्षो से पदस्थ है, और उनके कार्यकाल मे ऐसा पहली बार हुआ है जब आकाशवाणी का प्रसारण इतने लंबे समय के लिए बंद हुआ हो। श्री भोई ने हमसे बात करते हुए बताया कि आकाशवाणी मे लगे 1976 के यंत्रो को सुधारने के लिए सामान कलकत्ता से मंगाने पडते है। लिहाजा अगली बार ऐसी दिक्कत ना आए इसलिए पुराने हो चुके यंत्रो को सुधारने के लिए सुधार समाग्री अब पहले से ही मंगा ली जाएगी।

आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर मे कई पद रिक्त पडे है, जिसमे वर्षो से कोई अधिकारी कर्मचारी नही आय़ा है। लेकिन हैरत कि बात ये है अम्बिकापुर का जो आकाशवाणी केन्द्र 1976 के तकनीकी यंत्रो के सहारे अपनी आवाज आम श्रोताओ तक पंहुचा रहा है। उस आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर मे डीडीई यानी उप निदेशक यांत्रिकी का पद महीनो से खाली पडा है। साथ ही यांत्रिकी विभाग मे और कोई अधिकारी भी नही है। और यही वजह कि आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर भगवान भरोसे है।