डॉक्टर चला रहा घर में दुकानदारी… अस्पताल चला रही है पत्नी…

अम्बिकापुर  माना जाता है की पति-पत्नी के बीच अगर सामंजस्य हो तो जिन्दगी बेहतर हो जाती है.. इस मामले में भी पति पत्नी के सामंजस्य के परिणाम बेहतर है इतने बेहतर की स्वास्थ की दूकान तेजी से चल पडी है.. सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पदस्त डाक्टर जी आर कुर्रे जो अस्पताल में तो नहीं पाए जाते लेकिन इनकी दूकान इनके घर में बेहतर ढंग से चल रही है.. और अस्पताल को इनकी बीवी चलाती है.. जो खुद बतौली अस्पताल में नर्स के पद पर पदस्थ है..

सरगुजा जिले का सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र जहाँ मरीज घंटो डाक्टर साहब के इंतज़ार में खड़े रहे लेकिन अपस्ताल में डाक्टर साहब मौजूद नहीं थे.. बात है दोपहर बारह बजे की जब अस्पताल में मरीज खड़े थे और डाक्टर नहीं थे लेकिन डाक्टर की कुर्सी पर एक महिला बैठकर मरीजो का इलाज कर रही थी.. पूछ्ने पर पता चला की ये डाक्टर साहब की पत्नी है और इस अस्पताल में नहीं बल्की बतौली अस्पताल में नर्स के पद पर पदस्थ है.. श्रीमती जी एक पती व्रता पत्नी होने का धर्म इस कदर निभा रही है की अपनी ड्यूटी छोड़ कर अपने पति की जिम्मेदारिया उठा रही है..

बहरहाल इन सब का कारण जानने के लिए हम आगे बढे और पहुच गए डाक्टर साहब के घर और वहाँ जाकर जो हमने देखा उसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ जायेंगे.. दरअसल जिस डाक्टर के इन्तजार में अस्पताल में मरीज घंटो से परेशान थे वो डाक्टर साहब घर में अपनी दूकान चला रहे थे.. इतने मरीज तो अस्पताल में नहीं थे जितने उनके घर में देखे गए… जाहिर है की मोटी रकम कमाने के लिए घर की दूकान में डाक्टर साहब का ज्यादा ध्यान रहता है..

हद तो तब हो गई जब इस धंधेबाज डाक्टर की जानकारी हमने जिले के स्वास्थ विभाग के मुखिया यानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ए.एन.पाण्डेय को दी तो उनका जवाब भी बड़ा हास्यास्पद था.. साहब एक तरफ तो कुछ मानने को तैयार नहीं थे और दूसरी तरफ यह भी कह दिया की वो दूसरी जगह का मामला है वहाँ का नहीं… साहब ने यह भी कहा की यार मै काम करने आया हूँ मुझे काम करने दो..

साहब कहते है काम करने आये है काम करने दो पर जनाब अगर आप अपना काम करते तो हमको ये ना करना पड़ता.. अगर आप अपना काम करते तो इस डाक्टर की धंधेबाजी मीडिया को कैमरे में कैद कर आपको नहीं दिखानी पड़ती.. अगर आप काम करते तो एसे धंधेबाज डाक्टर और उसकी गैरजिम्मेदार पत्नी पर कार्यवाही का डंडा चला चुके होते.. या जानकारी मिलने के बाद कार्यवाही कर देते.. पर आप भी तो उसी सीढी के पायदान हो.. कार्यवाही कैसे होगी..?