जिले में श्वेतक्रान्ति योजना हुई फेल..एक वर्ष में 57.37 % ही लक्ष्य की प्राप्ति

28000 पशुओ का करना था उन्नत नस्ल कृत्तिम गर्भधारण

अम्बिकापुर

देश दीपक “सचिन”

 

जिले में स्वेत क्रान्ति योजना फेल होती दिख रही है सरकार के द्वारा जिले में स्वेत क्रांति लाने के उद्देश्य से जिले के पशु विभाग को पशुओ की नस्ल सुधार के लिए देशी नस्ल के पशुओ में उन्नत नस्ल में बदल कर दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य दिया गया था लेकिन इस काम में भी अपनी अन्य योजनाओं की तरह एक बार फिर पशु विभाग फेल होता दिख रहा है। दरअसल देशी नस्ल में उन्नत नस्ल का कृतिम गर्भ धारण करा कर उन्नत नस्ल तैयार करने के बाद जिले सहित पूरे प्रदेश में स्वेत क्रान्ति का सपना प्रदेश सरकार ने देखा है लेकीन सरगुजा जिले में विभाग के कर्णधारों ने इस योजना को भी गर्त में डाल दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पशु संचनालय रायपुर द्वारा पशुओ की जनसंख्या के आधार पर जिले में वर्ष 2016-17 में 28000  पशुओ का कृत्तिम गर्भधारण का लक्ष्य रखा था लेकिन सरगुजा में पशु विभाग मात्र 16180 पशुओ का ही कृत्तिम गर्भधारण करा सका है लिहाजा सरगुजा जिले में क्रत्तिम गर्भधारण का लक्ष्य महज 57.37 प्रतिशत की प्राप्त किया जा सका है। आंकड़ो को देखा कर ही अनुमान लगाया जा सकता है की इस वित्तीय वर्ष में स्वेतक्रान्ति की योजना सरगुजा में फिलहाल फेल होती ही दिख रही है।

जाहिर है की अगर देशी नस्ल के पशुओ को उन्नत नश्ल के पशुओ का कृत्तिम गर्भधारण कराया जाएगा तो दूध की उत्पादकता में काफी अधिक इजाफा होना स्वाभाविक है लेकिन इस कार्य को भी विभाग ढंग से नहीं करा सका है। वही जिले में पशुधन बीमा की योजना भी पूरी तरह फेल हो चुकी है साथ ही पशु रोगी कलां समिति की बैठक ना होने से उसका लाभ भी पशु पालको को नहीं मिल पा रहा है इस सम्बन्ध में पूर्व में भी हमने खबर प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का काम किया था लेकिन सरगुजा के जिले में पशु विभाग में एक के बाद एक बड़ी बड़े असफलता सामने आ रही है। सवाल यह उठ रहा है की इन असफलताओं का जिम्मेदार कौन..?

केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक पशु पालन को लेकर काफी गंभीर है और पशु पालको के लिए विभिन्न योजनाये चलाकर बड़े बड़े फंड भी आबंटित कर रही है लेकिन जिमेदार शासन की सारी योजनाओ को पलीता लगाने के सिवा और कुछ नहीं कर रहे है। वही विभाग के जिमेदार पशु उप संचालक से जब हमने इस मामले में उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया तो महोदय ने फोन काट दिया।