अम्बिकापुर (उदयपुर क्रांति रावत) छत्तीसगढ के स्वास्थ मंत्री के विधानसभा क्षेत्र मे स्वास्थ व्यवस्थाओ का हाल बेहाल है. हालांकि स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव अपने स्तर पर इसे सुधारने का प्रयास जरुर कर रहें है.. लेकिन हद तब हो जाती है .. जब स्वास्थ मंत्री के गृह जिला सरगुजा के एक अस्पताल मे डाक्टर को छाते के नीचे बैठकर मरीजो का इलाज करना पडता है.. मामला बेहद हैरान कर देने वाला लेकिन गंभीर है.. क्योकि जब अस्पताल की बीमार होगा तो फिर ऐसे मे बेहतर स्वास्थ व्यवस्थाओ की सोंच रखना बेईमानी ही होगी..
सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के सलका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल ऐसा है की बारिश के इस मौसम में डॉक्टरों को छाता लगाकर इलाज करना पड़ रहा है.. भारी अव्यवस्था से जूझ रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस तरह से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रहा है इसे आसानी से समझा जा सकता है .. बिल्डिंग का ऐसा कोई भी कोना नहीं जहां पानी का जमाव ना हो ऐसा नहीं है कि यह परेशानी कोई 1 दिन में बनी है.. पिछले कई वर्षों से यह परेशानी बनी हुई है.. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक द्वारा इस बारे में उच्चाधिकारियों को लिखित में सूचित किया जा चुका है .. बावजूद इसके इस और ध्यान देने वाला कोई नहीं है .. 2 दिन पहले हुई तेज बारिश में डॉक्टर के साथ साथ मरीज भी परेशान रहे एक व्यक्ति छाता लेकर डॉक्टर के पीछे खड़ा रहा और डॉक्टर साहब मरीज के लिए पर्ची लिखते नजर आ रहे है.. अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के छत्तीसगढ़ सरकार के दावों की पोल खोलता यह अस्पताल अपने आप में बहुत कुछ बयां कर जाती है..
इस बारे में प्रभारी चिकित्सक डी के पाण्डेय से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि इन सारी समस्याओं के बारे में लिखित और मौखिक में बताया जा चुका है परंतु उच्चाधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है .. इस संबंध में सीएमएचओ सिसोदिया जी से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि भवन की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है बीएमओ उदयपुर को आवश्यक इंतजाम के लिए निर्देशित किया गया है .. नए भवन की 75 लाख रुपए की स्वीकृति पश्चात टेंडर हो गया है ..एक माह के भीतर नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण चालू हो जाएगा.. इस संबंध में स्थानीय लोगों से बात करने पर लोगों ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हम लोग अपना इलाज कराने आते हैं.. आज वह खुद बीमार स्थिति में है उस जगह पर हमारा इलाज कैसे होता है यह कह पाना बहुत कठिन है..