गड्ढों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे….बेहाल चिरमिरी

चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट

नगर निगम की सड़क समझ कर सरपट भागने की कोशिश जान लेवा हो सकती है। क्योंकि चिरमिरी नगर निगम के नाम से चर्चित इस शहर की सड़कों की हालत वैसी नहीं हैं। कारण गड्ढे में सड़क है, या फिर सड़क में गड्ढे यह पता भी नहीं चलेगा। इनमें कुछ तो डेंजर जोन के रूप में मुंह बाए खड़ी है। शहर की हालत ऐसी है कि इन गड्ढों वाली सड़कों की हालत ऐसी बन चुकी है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। हास्यास्पद तो यह कि यह ना तो नगर निगम को दिखाई देता और ना ही एसईसील कम्पनी को। लाखों खर्च कर बनाई इन सड़कों की दशा और दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है। दिन के समय में तो फिर भी गनीमत है, पर रात का सफर तो बिल्कुल ही नहीं।हैरत तो इस बात की है कि शहर के मुख्य सड़कों की हालत भी ऐसी है। गली कूचे की तो भगवान ही मालिक हैं।unnamed (5)

करोड़ों खर्च के बाद भी सड़कों की हालत खस्ता शहर के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए है। लेकिन सड़कों की हालत को देखकर यह विकास का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। 2005 से 2010 तक 20 करोड़ रुपए की लागत से 7 सड़कों की मरम्मत कराई गई थी। पांच साल बाद ही सड़कों की हालत खस्ता हो गई। इसके अलावा शहर के विकास पर सरकार ने 225 करोड़ रुपए लगभग खर्च किए हैं। बावजूद सड़क पर खड्डे की संख्या में कमी नहीं आई।

गोदारी पारा रिजनल अस्पताल रोड़ के लोगों ने तंग सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों के खिलाफ कुछ दिन पहले रोष प्रदर्शन किया। और नगर निगम आयुक्त से रोड़ के बाशिंदों ने बातचीत की तो, वे इस नतीजे पर पहुंचे कि जितनी देर तक इस रोड़ का कोई स्थाई हल नहीं हो पाता है। तब तक भारी वाहनों को डायवर्ट करके नरसरी रोड़ के बीच बनी रोड़ से जोड़ कर बड़े वाहनों को निकाल दिया जाय। इसके बाद इस रूट पर हैवी ट्रैफिक डायवर्ट कर दी गई और हैवी वाहनों को कफिला गुजरने लगा। नतीजा यह हुआ कि एक सप्ताह भी नहीं बीता कि अच्छी unnamed (6)खासी सड़क टूट गई। हालत यह हो गई कि इन वाहनों का बोझ नहीं सह पाई और जगह-जगह टूट कर जानलेवा गड्ढों में जब्दील हो गई।

शहर के गोदरी पारा से बड़ा बाजार की मेन सड़क पर भी काफी बड़ा गड्ढ़ा बना है। हल्की बारिश में ही यहां पानी भर जाता है। इसके कारण इस गड्ढ़े का आकार बढ़ गया। इधर, हर रोज कई वाहन गुजरते है। जिसके चलते इसकी हालत और बिगड़ रही है। वहीं शहर के बड़ा बाजार से हल्दी बाड़ी रोड पर गाडीयों के गुजरने से बना एक छोटा सा खड्डा आज काफी बड़ा बन चुका है। इस सड़क से गुजरना खतरे से कम नहीं है। आसपास के लोगों ने गड्ढ़े के साथ लाल कपड़ा लगा दिया है, ताकि वाहन चालकों को दूर से ही इन खड्डों का आभास हो जाए। जो लोगों को तो दिख जाता है पर यह सीन नगर निगम को नहीं दिखाई देता है। शहर के कालाबाड़ी रोड की हालत भी सही नहीं है। यहां पर भी सड़क पर खड्डा बना हुआ है, जो पैदल राहगीरों के साथ-साथ वाहन चालकों को चुभती रहती है। गौर हो कि कुछ दिन पहले शहर के रोड पर भी विशाल खड्डे बन गए थे, जिन्हें सहारा जन सेवा ने भर दिया था। शहर के आउटर क्षेत्रों में भी खड्डों की संख्या कम नहीं है।
मुख्य सड़कों पर भी गड्ढ़े हैं, जिन्हें भरना जरूरी है शहर की मुख्य सड़कों पर भी गड्ढ़े हैं। इन पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो, यह बड़े होते जाएंगें। इसके अलावा गली मोहल्लों की सड़कों का भी यही हाल है। सड़क पर बने गड्ढे ही हादसों को जन्म देते हैं।

unnamed (2)श्रीपत राय पूर्व पार्षद

रोज होते हैं हादसे, कोई नहीं देता ध्यान शहर में सड़कों की हालत खस्ता होने से हर रोज लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। पर प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। अगर शहर में सड़कों की हालत ठीक होती तो हादसे कम होते हैं। यहां की टूटी फूटी ज्यादातर हादसों के लिए जिम्मेदार हैं।

 

                                                                                                                                     महेन्द्र दास (आजाद नगर गोरदीपारा निवासी)unnamed (3)

निगम को यह नहीं दिख रहा है।खस्ताहाल हैं शहर की सड़कें, पैदल चलना भी हो जाता है मुश्किल शहर की सड़कों की हालत तो खस्ता है। ऊपर से सड़क पर बने बड़े-बड़े गढ्ढ़े हादसों को न्यौता देते हैं। इन गड्ढों में अक्सर वाहन चालक पैदल चलने वाले अपना नुकसान कर लेते हैं। इसमें वाहन तो दूर की बात है, इधर से पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। तो प्रशासन को चाहिए कि वह सड़कों की हालत में विशेष सुधार करे।

 

unnamed (4)संदीप सोनवनी

शासन को गड्ढ़ों को तुरंत भरवाना चाहिए बेशक सरकार बठिंडा में विकास करने के दावे कर रही है। लेकिन सड़कों की हालत इस प्रकार की है कि विकास का कोई भी पैसा सड़कों पर खर्च किया गया नजर नहीं आता। सड़कों की हालत इतनी बुरी है कि लोग अक्सर हादसों का शिकार होते हैं। गड्ढ़ों को तुरंत भरे जाने चाहिए ताकि हादसा हो।

 

 

मनोज सिंह, कमिश्नर, नगर निगम, चिरमिरी

टीम गठित कर गड्ढों का पता लगवाएंगेरू बरसात के बाद भारी वाहनों से चलने से ऐसी दिक्कतें जाती हैं। सोमवार को हम एक टीम का गठन करेंगे, जो पूरे शहर का चक्कर काट कर यह पता लगाएगी कि गड्ढे कहां-कहां पर हैं। इसके बाद सब गड्ढों को भरने का काम शुरू कर दिया जाएगा।