कृषि विज्ञान केन्द्र 110 केन्द्रो में सर्वश्रेष्ठ : केन्द्रीय मंत्री नें किया पुरस्कृत

  • सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बिकापुर पुरस्कृत
  • 1 लाख नगद पुरस्कार एवं अनुसंधान हेतु मिले 4 लाख 
अम्बिकापुर
सरगुजा क्षेत्रान्तर्गत अजिरमा में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बिकापुर द्वारा किसानों के हित में नई कृषि तकनीक तथा कृषि के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे है। इस केन्द्र द्वारा फसल प्रदर्षन, रोजगारमूलक प्रषिक्षण, किसान मेला एंव किसान संगोष्ठी के साथ कृषि को व्यवसाय का दर्जा दिलाने के क्षेत्र में उत्कृष्ठतापूर्वक कार्यो का संपादन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में पटना में आयोजित कृषि अनुसंधान परिषद की 87वीं स्थापना दिवस समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन द्वारा कृषि की बेहतरी के लिए किये जा रहे अच्छे कार्यो के फलस्वरूप मध्यप्रदेष, छŸाीसगढ़ एवं उडी़सा के 110 कृषि विज्ञान केन्द्रों में सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बिकापुर को पुरस्कृत किया गया।
IAS RITU SEN , COLLECTOR ,SURGUJAकलेक्टर ने दी बधाई
विष्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से कुलपति डाॅ. एस.के.पाटिल, संचालक डाॅ. एम.पी.ठाकुर एवं कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. आर.के.मिश्रा द्वारा 1 लाख रूपये नगद का पुरस्कार प्राप्त किया गया। इसके अतिरिक्त इस केन्द्र को 4 लाख रूपये अनुसंधान एवं विकास कार्य के लिए दिया जायेगा तथा 1 माह के लिए देष के उत्कृष्ठ अनुसंधान केन्द्रों में अध्ययन की सुविधा दी जायेगी। कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन द्वारा इस उपलब्धि पर केन्द्र के अधिकारियों को बधाई बधाई दी तथा कहा कि इस क्षेत्र के कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में अपनी महती भूमिका निरंतर जारी रखें।
1995 में हुई थी केन्द्र की स्थापना
सरगुजा जिले में कृषि के क्षेत्र में आधुनिकता लाने के उद्देष्य से वर्ष 1995 में इस कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई थी। विज्ञान केन्द्र की स्थापना के बाद से ही कृषि के क्षेत्र में परम्परागत खेती के स्थान पर नई तकनीक के साथ कृषि कार्य करने का परामर्ष एवं फसल प्रदर्षन कर किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इस केन्द्र में सरगुजा क्षेत्र के कृषकों को प्रक्षेत्र परीक्षण, फसल प्रदर्षन, किसान मेला, किसान संगोष्ठी, कृषि में रोजगारमूलक प्रषिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्नत कृषि के हस्तांतरण द्वारा उनके फसल उत्पादन एवं आमदनी में बढ़ोतरी के लिए विषेष योगदान दिया गया है।
आलू, टमाटर एवं संकर धान के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि
मैनपाट में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं आलू अनुसंधान केन्द्र के संयुक्त प्रयास से खरीफ उत्पादन को बढ़ावा मिला और इसके लिए प्रदर्षन एवं प्रषिक्षण के द्वारा आलू उत्पादन का क्षेत्र 9 गुना बढ़कर 900 एकड़ हो गया है। मैनपाट के किसानों द्वारा आलू उत्पादन में अपनी गहरी रूचि दिखाते हुए बेहतर उत्पादन किया जा रहा है।
सरगुजा जिले में संकर धान की खेती की शुरूआत करने तथा सरगुजा जिले को प्रथम स्थान दिलाने में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित उत्पादन एवं तकनीकी प्रषिक्षण कार्यक्रमों का योगदान रहा है। लुण्ड्रा विकासखण्ड के चीतरपुर, भेडि़या एवं सपड़ा ग्राम के लगभग 100 आदिवासी किसानों को टमाटर की उन्नत किस्म के उत्पादन के बारे में बताया गया। जिससे इस क्षेत्र के किसानों द्वारा 70 से 80 लाख रूपये तक की आमदनी अर्जित की गई है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किसानों को धान, गेहू, अरहर, मक्का, मूंग के प्रमाणित बीज के साथ ही साथ आलू, हल्दी, अदरक, केला, टमाटर, पत्तागोभी, फूल गोभी, मिर्च एवं बैंगन के उन्नत बीज उपलब्ध कराये जा रहे है।
मक्के की खेती का भी हुआ विकास
सरगुजा जिले में मक्के की खेती को बाडि़यों में करने के साथ ही साथ खेतों तक पहुंचाने तथा हाईब्रिड धान के उत्पादन में देष में प्रथम स्थान दिलाने में कृषि विज्ञान केन्द्र की महती भूमिका है। केन्द्र द्वारा लुप्तप्राय फसल धान, मक्का, सब्जी, दलहन, तिलहन तथा टाऊ एवं खीरा के सरंक्षण एवं पंजीकरण में विषेष योगदान दिया जा रहा है।