ऑपरेशन “पद्मावती” और “पद्मावती” के मौत की हो न्यायिक जांच..

सीसीएफ वाईल्ड लाईफ और अन्य के खिलाफ कार्यवाही की मांग
प्रतापपुर ऑपरेशन पद्मावती में कुएं से बाहर निकाली गयी हथिनी की मौत के बाद मामले की न्यायिक जांच के साथ वन विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध आरोप तय कर कार्यवाही की मांग की गई है,कलेक्टर सूरजपुर को प्रेषित आवदेन में सीसीएफ वाइल्ड लाईफ पर पूरे मामले में गंभीरता दिखाने की बजाए सिर्फ वाह वाही लूटने का खेल खेलने के आरोप लगाए गए हैं। एसडीएम के माध्यम से कलेक्टर सूरजपुर को प्रेषित ज्ञापन में जनता कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष जिशान खान ने कुएं में गिरी हथिनी को निकालने और इलाज के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, हथिनी के कुएं में गिरने के चौबीस घण्टे बाद डीएफओ सुरजपुर और तिरालीस घण्टे बाद सीसीएफ वाइल्ड लाइफ केके बिशेन के पहुंचने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हथिनी को कुएं से पहले ही निकाला जा सकता था, इसके लिए आवश्यक क्रेन सहित अन्य संसाधन जिले में ही उपलब्ध थे जहां से घटनास्थल की दूरी कोई ज्यादा नहीं थी लेकिन सम्बन्धित उच्च अधिकारियों ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया जिस कारण अधिकारी अपनी मन मर्जी से कई घण्टों बाद मौके पर आये, जिस कारण हथिनी को कुएं में निकालने में बिलम्ब हुआ और उसमें शारीरिक समस्या बढ़ गई। रेस्क्यू के दौरान अधिकारियों द्वारा सावधानी नहीं बरती गई और इसके लिए एक्सपर्ट लोगों की मदद नहीं ली गयी, हथिनी दो दिन तक गड्ढे में बिना इलाज के ही पड़ी रही जबकि उसके इलाज की व्यवस्था की जानी चाहिए थी जो आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता था। कुएं से निकालने के बाद भी अधिकारियों द्वारा रामकोला में रकह सामान्य पशु चिकित्सकों से हथिनी का इलाज कराया जो सही नहीं था,उन्हें वाइल्ड लाइफ के विशेषज्ञ चिकित्सकों को इलाज के लिए बुलाना था,यह उनकी सबसे बड़ी लापरवाही थी। जिशान खान ने पोस्टमार्टम पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पीएम स्थानीय चिकित्सकों से कराया गया ताकि मामले को रफा दफा किया जा सके और वास्तविकता बाहर न आ सके,पीएम के दौरान उक्त चिकित्सकों के अलावा सिर्फ वन विभाग के ही अधिकारी मौजूद थे,कोई स्वतन्त्र व्यक्ति या प्रशासनिक अमला मौजूद नहीं था। जिशान खान ने हथिनी के शव का पोस्टमार्टम पुनः कराने के साथ पूरे मामले की न्यायिक जांच के साथ लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की हैं।