उत्तरपुस्तिका के अंक बढ़ाने के मामले में फँसे इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य..

अम्बिकापुर. संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर में उत्तर पुस्तिकाओं के अंक बढ़ाने का मामला सामने आया है. विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आर.एन खरे और उत्तर पुस्तिका ले जाने वाले ड्राइवर के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है.

जिसमें वे यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी से उत्तर पुस्तिका की गोपनीय जानकारी मांग रहे हैं. इस मामले में उक्त कर्मचारी नें विश्वविद्यालय के कुलपति से इसकी लिखित शिकायत की है. विश्वविद्यालय के कुलपति रोहिणी प्रसाद नें इसे गंभीर मामला बताते हुए प्राचार्य के खिलाफ गंभीरतम कार्रवाई की बात कह रहे है.

दरअसल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य का विवादों से गहरा नाता रहा है. पहले तो उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे.. फिर वे कुलपति के ख़िलाफ़ सीधा मोर्चा खोल दिए.. ताजा मामला विश्वविद्यालयीन परीक्षा उपरांत जांच के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजे जा रहे.. उत्तर पुस्तिका में अंक बढ़ाने की कोशिश प्राचार्य पर भारी पड़ी है..

अब वे एक बार फिर बड़े विवाद में फंसते दिख रहे हैं.. वहीं इस मामले नें विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग पर भी सवालिया निशान लगा दिया है. विश्वविद्यालय के तमाम अधिकारी और कर्मचारियों में मामले के खुलासे के बाद से हड़कम्प मचा हुआ है.. वहीं विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता एक बार फिर शक के घेरे में है.. विश्वविद्यालय के ड्राइवर अमन शर्मा ने कुलपति को दिए लिखित शिकायत में बताया है कि जब वह अपने एक वरिष्ठ के साथ विश्वविद्यालय की गोपनीय उत्तर-पुस्तिका लेकर जबलपुर जा रहा था.. उस दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य आर.एन.खरे द्वारा उसके मोबाईल पर फोन कर बी.ई. सिविल ब्रांच के रोल नम्बर 1959043 से जुड़ी गोपनीय जानकारी की मांग की गई..

उन्होनें ड्राइवर को व्हाट्सएप के माध्यम से एक तस्वीर भेजी.. जिसमें छात्र का रोल नम्बर और परीक्षा के विषयों की सूची थी.. कुलपति से बात करने पर ज्ञात हुआ कि.. यह रोल नम्बर प्राचार्य के पुत्र अध्यात्म खरे का है जो लखनपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में बी.ई. सिविल ब्रांच में दूसरे सेमेस्टर का छात्र है.. वायरल हुई ऑडियो क्लिप और प्राचार्य के द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी गई तस्वीर से यह प्रतीत होता है कि उन्होंने अपने पुत्र की उत्तर-पुस्तिका की गोपनीय जानकारी संभवतः अंक बढ़ाने के लिए मांगी थी..

एक अन्य कॉल रिकार्डिंग में वे विश्वविद्यालय के कर्मचारी को यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि ड्राईवर अमन नें कुलपति को इस बारे में बता दिया है. इसी रिकार्डिंग में कर्मचारी को यह भी कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि तुम अपने बयान से पलट जाना और यह न कहकर कि मैंने अपने बेटे की उत्तर-पुस्तिका की जानकारी मांगी है.. यह कहना कि जबलपुर में उनके किसी रिश्तेदार को एक पत्र भेजने के लिए तुमसे सम्पर्क किया गया था.. साथ हीं वे उसे व्हाट्सएप से भेजे गए सभी मेसेज डिलीट करने को भी कह रहे हैं.

अगर उक्त मामले में जरा सी भी सच्चाई है तो यह बेहद गंभीर मामला है. इस पर विश्वविद्यालय के स्तर से ही नहीं शासन के स्तर से भी गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष और त्वरित जांच की कार्रवाई करनी चाहिए.. हालांकि विश्वविद्यालय के कुलपति नें मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का निर्देश रजिस्ट्रार विनोद एक्का को दिया है.

https://www.youtube.com/watch?v=OYq01Cxx8d4