इस सत्र में नहीं पेश हुआ बजट..महापौर को हटाने सचिव से शिकायत

अम्बिकापुर महापौर को पद से हटाने सचिव को ज्ञापन

निगम अधिनियम के तहत कार्य नहीं करने का नेता प्रतिपक्ष व पार्षदों ने लगाया आरोप

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर नगर निगम महापौर के द्वारा लोकहित व निगम हित में निगम अधिनियम के तहत कार्य न करने का आरोप लगाते हुये पद से हटाये जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष जन्मेजय मिश्रा व पार्षदों ने सचिव छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास को ज्ञापन सौँपा है। ज्ञापन में बताया गया है कि निगम अम्बिकापुर के महापौर के द्वारा विगत दो वर्षों से अधिनियम के तहत मेयर इन कौंसिल की बैठकें प्रत्येक माह आहूत नहीं की जाती है। महापौर द्वारा समय से बजट की प्रस्तुति भी नहीं की गई। श्री मिश्रा का कहना था कि नगर निगम के इतिहास ऐसा पहली बार हुआ है कि 31 मार्च तक बजट पेश नहीं किया गया।

 

ज्ञापन में आगे बताया गया कि धारा 97 में साफ-साफ उल्लेखित है प्रत्येक वर्ष 30 नवम्बर या उससे पूर्व बजट का अनुमान मेयर इन कौंसिल में रखा जावेगा और अनुमानों पर विचार करने के बाद 15 जनवरी-फरवरी या उससे पूर्व अपने विचार या बजट को उसी रूप में मेयर इन कौंसिल को वापस करेगा तथा निगम के कामकाज के संचालन के लिये बजट अनुमान 31 मार्च उसके पूर्व अंतिम रूप से अंगिकार करेगा। 31 मार्च तक भी महापौर के द्वारा बजट प्रस्तुत नहीं किया गया जो कि निगम के निर्वाचित प्रतिनिधि व नागरिकों के विचार-विमर्श भी लेना उचित नहीं समझा। श्री मिश्रा ने महापौर द्वारा नपानि अधिनियम के विरूद्ध निगम की सामान्य सभा को प्राप्त वित्तीय अधिकारों का अतिक्रमण किये जाने का भी आरोप लगाया है। ज्ञापन में यह भी शिकायत की गई है कि मेयर इन कौँसिल के द्वारा 1 करोड़ के निर्माण कार्यों का स्थल परिवर्तन सामान्य सभा के अनुमोदन के बिना कर दिया गया है जो अधिनियम का उल्लंघन है। महापौर द्वारा 1 करोड़ के ऊपर के कार्यों को मेयर इन कौंसिल की बैठकों को पास कर शासन को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु भेज दिया जाता है, जबकि उक्त सामान्य सभा से अनुमोदित होकर राज्य शासन को प्रेषित करना चाहिये। धारा 19 ख में साफ-साफ बताया गया है कि महापौर यदि नगर के लोगों के हित में या निगम के हित में वांछनीय नहीं है तथा अपने कर्तव्य के पालन करने में अक्षम है या इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों के अनुरूप कोई कार्य नहीं करते हैं तो उनका हटाया जाना उचित प्रदर्शित होता है। जबकि धारा 25 में महापौर की शक्तियों व कृत्य दिया हुआ है जिसमें अपने कार्यालय के साथ में मेयर इन कौंसिल तथा अपील समिति व अधिकारियों तथा सेवकों पर शासकीय नियंत्रण रखेगा। ज्ञापन सौँपने वालों में परमवीर सिंह बाबरा, मधुसूदन शुक्ला, श्वेता गुप्ता, संजय अग्रवाल, अनुराधा गोस्वामी, निरंजन राय, सुशांत घोष, विकास वर्मा, मनोज कंसारी, सुधा गुप्ता, अल्पना मिश्रा, रोजालिया तिग्गा, जशपाल कौर, महेश सांडिल्य, शैलेश सिंह, बलराम जायसवाल, अशोक सोनवानी, रमेश जायसवाल सहित अन्य उपस्थित थे।

नेता प्रतिपक्ष ने ली चुटकी-

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महापौर द्वारा 31 मार्च तक बजट पेश करने का आश्वासन अखबारों के माध्यम से दिया गया था, लेकिन अब तो 31 मार्च भी बीत गये हैं। इस कार्यप्रणाली से यह प्रतीत होता है कि निगम की सरकार जनता के प्रति जागरूक नहीं है। श्री मिश्रा ने चुटकी लेते हुये कहा कि अब लगता है अगले सत्र का महापौर इंतजार कर रहे हैं।