आज तक नही ठहरा एक भी सैलानी…. फिर भी मोटल हो गया जर्जर

आज तक नहीं ठहरे एक भी सैलानी और थ्री टायर मोटल जर्जर हो गया, प्रशासन बैख़बर —————–

कोरिया

बैकुण्ठपुर से J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट

चंद खामियों और सरकार की उदासीनता के कारण सरकारी योजना किस तरह ढेर होती है …  इसका जीता जागता उदाहरण कोरिया जिले के थ्री टायर मोटल  है । पिछले 10 वर्षो से यंहा का टूटा शीशा,  उखड़ी खिड़किया…..और धूल खाते कमरे थ्री टायर मोटल की पहचान बन चुके है…. तो वही ये मोटल शैलानियो की चहलकदमी का मोहताज हो चुका है। लेकिन ना जाने क्यो पर्यटन मंडल और जिला प्रशासन बेसुध है ?

02करोडो रु0 की लागत से निर्मित थ्री टायर मोटल जिला मुख्यालय से 15 किमी0 दूर बैकुण्ठपुर – अंबिकापुर के मुख्य मार्ग में निर्मित कराया गया। इस पर्यटक विश्रामगृह में पर्यटन के लिए आने वाले शैलनियो के रुकने के उद्देश्य से बनाया गए इस पोर्टल में 10 साल बाद भी एक सैलानी को नहीं ठहराया जा सका है…. पर्यटक विश्रामगृह मोटल को छ ग पर्यटन मंडल द्वारा बनाया गया जिसको 2005 – 06 में  छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यटन एवम् सांस्कृतिक मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के हाथो लोकार्पण कराया गया… किन्तु लोकार्पण के बाद से आज तक किसी सैलानी का इस मोटल में प्रवेश तक नहीं हुआ है। फिलहाल जिले का पर्यटन विभाग करोडो के इस संम्पति का उपयोग  वैवाहिक महोत्सव आयोजित कराने के लिए कर रहा है।

पर्यटक विश्रामग्रह में पिछले 10 सालो में खिड़किया सीसे और दरवाजे की हालत बद से बदहाल हो चुकी है… यंहा के लोगो ने निर्माण के समय आस लगाई थी…. कि मोटेल में सैलानियो के आने और मोटेल में रुकने से आस पास व्यवसायिक क्षेत्र का विकास होगा और लोगो की आमदनी बढेगी…. लेकिन उससे उलट सरकार की नीति नें चंद खामियों के कारण थ्री टायर मोटल खँडहर में तब्दील हो गया है… और पर्यटन मण्डल और सरकार है …. तो नजरे इनायत करती ही नही है ।

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