छत्तीसगढ़ : संदेह के दायरे में शहरी विकास अभिकरण अधिकारी का स्थानांतरण… कहीं नगर पालिका में हुए करोड़ो का शौचालय निर्माण मे घोटाले बाजों को बजाने की साजिश तो नही…

जांजगीर चांपा। जांजगीर नैला नगर पालिका में शौचालय निर्माण के नाम पर करोडो रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की दोषियों पर कार्यवाही नही हुए है। और अब इसी मामले में जांच अधिकारी व शहरी विकास अभिकरण अधिकारी के.एस. पैकरा का स्थानांतरण डभरा एसडीएम पद पर कर दिया गया है। जांच अधिकारी के अचानक अन्य जगह स्थानांतरण हो जाने से यह आंशका जाहिर की जा रही है कही न कही इस पूरे मामले में दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। पूरे मामले में जांच पूरे होने एवं ठेकेदारो व अधिकारीयों को दोषी पाये जाने के बाद कार्यवाही के नाम किसी प्रकार की गतिविधि नही दिख रही थी जिसके कारण भाजपा के पार्षद गढ कुछ दिन पहले कलेक्टर से मिल कर कार्यवाही में गति लाने कलेक्टर को ज्ञापन सौपंे थे। पार्षद गढ़ के ज्ञापन सौपने के बाद अचानक जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर के .एस. पैकरा का डभरा स्थानांतरण हो जाना दोषियो को बचाने की षडयंत्र लग रहा है।

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क्या था मामला…

वर्ष 2018 में नगर पालिका जांजगीर नैला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन ओडीएफ करने के लिए नगर पालिका के अधिकारियो ने बडा खेल कर दिया और शासन से स्वीकृत राशि से 2 करोड अधिक राशि का बिल पेश कर शासन की राशि का गबन कर लिया है. मामले की शिकायत शहरी विकास अभिकरण से की गई जिस पर डिप्टी कलेक्टर के एस पैकरा ने जांच कर बडी गडबडी का खुलासा किया .जांच में जांजगीर नैला नगर पालिका में 2 करोड का घोटाला सामने आया है .वही जांच अधिकारी ने मिडिया को बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2015 से 2018 में शासन ने जांजगीर नैला नगर पालिका को 2442 शौचालय बनाने 3.76 करोड रुपए की राशि जारी किया था .जिस पर नगर पालिका के अधिकारी और ठेकेदार की मिली भगत से लक्ष्य से अधिक शौचालय का 2336 जिओ टेग कर दिया इतना ही नही नगर पालिका के अधिकारियो ने लक्ष्य से कम 19 सौ शौचालय बना कर 6 करोड रुपए अलग अलग मदो से निकाल लिए है.

4 लेखा अधिकारी, 4 उप अभियंता और 8 ठेकेदार को हुआ था नोटिस जारी..

इस मामले का खुलासा होने के बाद डूडा के प्रभारी डिप्टी कलेक्टर ने नगर पालिका के 4 सीएमओ, 4 लेखा अधिकारी , 4 उप अभियंता और 8 ठेकेदार को नोटिस जारी कर सप्ताह भर के अँदर जवाब तलब किया था .और इसे बडी गडबडी बताते हुए सभी थी. लेकिन आज तक एक भी दोषियोेे कि खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हुई हैं। इस पूरे मामले मंे जिले में नव पदस्थ कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला का कहना है कि मामले की जानकारी लेने के बाद ही कुछ बोल पाउंगा । फिलहाल भाजपा पार्षदों द्वारा इस मामले की शिकायत की गई है।

लेनदेन की चर्चा…

मिली जानकारी के अनुसार पूरे मामले में नगर पालिका के अध्यक्ष का नाम भी सामने आ रहा था लेकिन दस्तावेजों में अध्यक्ष के नाम का उल्लेख कही नही है। बीजेपी पार्षदो का आरोप है कि किसी और के नाम पर अध्यक्ष द्वारा काम करना बताया जा रहा है। जानकारी यह भी है कि एक बड़े नेता द्वारा जांच अधिकारी पर कार्यवाही नही करने का दबाव बनाया जा रहा था जिसके कारण कार्यवाही में देरी हो रही है। पार्षद गढ का आरोप यह भी है कि अधिकारीयो को लेनदेन कर मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नही करने के लिए सेंटिग किया गया है।