दिल्ली
उसके पास न तो इंजीनियरिंग की डिग्री है, न ही डिप्लोमा. वह तो महज आठवीं पास है. लेकिन उसने घरेलू जुगाड़ करके ही एक ऐसा यन्त्र विकसित किया है जो इंजीनियरों के ज्ञान को टक्कर देने के लिए पर्याप्त है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर (राजस्थान) के चीरवा गाँव में चाय की दूकान चलाने वाले गोवर्धन नामक युवक ने एक ऐसा चूल्हा विकसित किया है जो चूल्हे का काम करने के साथ-साथ बिजली भी बनाता है. यह एक ऐसा थ्री-इन-वन चूल्हा है जिससे घर का खाना भी पकता है, दुकान पर चाय भी बनती है और बिजली भी बनती है मुफ्त में.
इस चूल्हे से इतनी बिजली बन जाती है कि गोवर्धन का मोबाइल चार्ज होता रहता है और घर की लाइट भी जल जाती है. इस यन्त्र में क्वाइल के साथ छोटा पावर जेनरेटर लगा है जो हीट और धुएं के प्रेशर से काम करता है. जैसे ही लकड़ी या गोबर के उपले चूल्हे में डालकर जलाते हैं, उसमें से उठते धुएँ और गरमी के प्रेशर से यंत्र काम करना शुरू कर देता है.
चूल्हे में लगे प्लग बोर्ड से यन्त्र के अन्दर पैदा हुई बिजली को काम में ले लिया जाता है.
गोवर्धन के गाँव में अक्सर बिजली की समस्या आती रहती है. मोबाइल चार्ज करने के लिए भी भटकना पड़ता है. एक फैक्ट्री में काम करते-करते उसे ये बिजली उत्पादक चूल्हा बनाने का ख़याल आया और फिर 2 महीने की मेहनत के बाद उसने इसे तैयार कर लिया.
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