राजनीति की पहली सीढ़ी पर सरगुजा राजपरिवार की नई पीढी .. आदितेश्वर ने शक्ति प्रदर्शन के साथ जमा किया नामांकन

अम्बिकापुर.. समूचे प्रदेश के साथ ही सरगुजा जिले मे होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले दौर की प्रकिया पूरी कर ली गई है. पहले दौर मे आज नामांकन जमा करने के आखिरी दिन जिला और जनपद पंचायत के साथ ग्राम पंचायत के प्रत्याशियो ने अपना अपना नामांकन फार्म जमा कर दिया है.. नामांकन जमा करने के इस दौर मे जिला पंचायत क्षेत्र के क्रमांक 2 के लिए नामांकन जमा करने से पहले कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन किया.. क्योकि इस क्षेत्र से राजपरिवार की अगली पीढी के सदस्य और स्वास्थ मंत्री के भतीजे ने नामांकन दाखिल किया है…

सोमवार को प्रदेश के अधिकांश जिलो के नगरीय निकाय चुनाव मे महापौर और अध्यक्ष बनाने को लेकर नेता जोर आजमाईश मे लगे थे.. तो वही सरगुजा जिले मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का हो हल्ला था.. पंचायत चुनाव के अंतिम दिन सरगुजा जिले मे विभिन्न दल के समर्थित प्रत्याशियो ने नामांकन फार्म जमा किया.. इसमे सबसे अधिक चर्चा रही.. सरगुजा राजपिरवार की नई पीढी के युवा सदस्य आदितेश्वर शरण सिंहदेव की.. दरअसल आदितेश्वर सरगुजा रियायत के वरिष्ठ सदस्य और छत्तीसगढ केबीनेट के ओहदेदार मंत्री टी.एस.सिंहदेव के भतीजे हैं.. लिहाजा उनके नामांकन को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओ और सिंहदेव परिवार के समर्थको ने पहले कांग्रेस कार्यालय कोठीघर से शहर मे रैली निकाली औऱ फिर कलेक्टर पहुंच कर आदितेश्वर ने अपना नामांकन फार्म जमा किया..

आदितेश्वर सरगुजा जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 2 से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हैं.. और उनके राजनीति मे आने को लेकर कई महीनो से चर्चाओ का दौर शुरु हो गया था.. और नामांकन फार्म जमा करने के साथ ही उस चर्चा पर आज विराम लग गया.. इधर आदितेश्वर के नामांकन रैली मे जहां सैकडो कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए तो वही खुद आदितेश्वर के बडे पिता और सूबे स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव खुद इस रैली मे शामिल हुए.. नामांकन के बाद श्री सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आदितेश्वर आईएएस की तैयारी कर रहे थे.. वो इंजीनियर मे गेजुएट हैं.. और कई नौकरी के आफर भी उनके पास थे.. लेकिन सरगुजा के लोगो से सतत् संपर्क के बाद वो लोगो को मना नहीं कर पाए और उनको लगा कि राजनीति के क्षेत्र मे भी कुछ किया जा सकता है.. इसलिए वो चुनाव के मैदान मे हैं..

आदितेश्वर का ज्यादातर समय भोपाल और महानगरो मे बीता है.. ऐसे मे वो सरगुजा की राजनीति और भौगोलिक परिस्थिती के साथ ही सामाजिक स्थिती के फिलहाव उतने जानकार नहीं हैं.. बहरहाल सरगुजा राजपरिवार के सदस्य होने के साथ ही उनके परिवार की राजनैतिक हैसियत इतनी बडी है… कि उनके लिए राजनीति के मैदान मे उतरना महत्वपूर्ण नहीं है .. जितना कि चुनाव जीतना है…. क्योकि उनकी जीत और हार मे सरगुजा पैलेस की प्रतिष्ठा के साथ ही ,, खुद स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव की प्रतिष्ठा भी जुडी है….