बिलासपुर..(कृष्णमोहन कुमार)…प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अभी से राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई है..और जबसे प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है..की प्रदेश में नगर पालिक निगम के महापौर व नगर पालिका ,नगर पंचायतो में अध्यक्ष के पदों पर चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली पर होगा ..तब से इन पदो के दावेदार अब सीधे पार्षद चुनाव लड़ने के जुगत -जुगाड़ में भिड़े गए..वही इसी बीच एक बार फिर राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता धर्मजीत सिंह ने शासन के उस निर्णय के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर की है..जिसकी सुनवाई सोमवार को होगी ..
बता दे कि प्रदेश में इसी साल नगरीय निकाय चुनाव होने है..जिसको लेकर सियासी बाजार गर्म है..तथा आज राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर व एसपी की बैठक ले रहा है..लेकिन यह चुनाव इसलिए सुर्खियों में है..की प्रदेश सरकार ने नगर निगम के महापौर व नगर पालिका, नगर पंचायतों में अध्यक्ष के पदों पर अप्रत्यक्ष तौर पर चुनाव कराने का ऐलान कर चुकी है..यानी अब पार्षद ही अपने दल का नेता चुनकर कर नगर निगम में महापौर तो नगर पालिका व नगर पंचायतों में अध्यक्ष बनाएंगे..जिसको लेकर आज छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता लोरमी विधायक व विधानसभा में उप नेता विपक्ष ने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की है..जिसपर अगले हफ्ते सुनवाई होनी है..
वही राज्य सरकार के ऐलान के बाद अब महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष व नगर पंचायत उपाध्यक्ष की कुर्सी का मोह रखने वाले नेता अब वार्डो के आरक्षण से लेकर परिसीमन के बाद पार्षद पद पर चुनाव लड़ने की जद्दोजहद में है..