- हाथियों के पुनः लौटने से कई गांव में दहशत
अम्बिकापुर
मैनपाट विकासखण्ड के ग्राम बरिमा में सोमवार की रात हाथियों के दल के आ धमकने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई। हाथियों ने गांव में तांडव मचाते हुये लगभग आधा दर्जन ग्रामीणों के घर को ढहा दिया। मैनपाट क्षेत्र में कुछ दिनों से शांत हाथियों के पुनः आ धमकने से कई गांव के ग्रामीणों में फिर से दहशत का आलम बन गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बरिमा में पांच सदस्यीय हाथियों के दल ने सर्वप्रथम गांव में एक ग्रामीण के घर जहां मंडप था व शराब की सुगंध आते ही गज दल वहां पहुंचे और मंडप को तोड़ते हुये घर को भी ढहा दिया। इसके बाद गज दल आसपास के चार और घरों को ढहा दिया। हाथियों के इस तांडव से सबसे ज्यादा देवचरण, लती व शाही के मकान क्षतिग्रस्त हुये हैं। दो अन्य लोगों का घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। गौरतलब है कि गज दल पिछले एक माह से मैनपाट क्षेत्र में अपना डेरा जमाये हुये हैं और उत्पात मचा रहे हैं। पिछले दिनों कंडराजा गांव में मांझी जनजाति के 18 से 20 घरों की बस्ती को उजाड़ दिया था। इसके कुछ दिनों बाद ही मेहता प्वांईट स्थित रेस्टहाउस में भी तोडफ़ोड़ कर अहाता व रेस्टहाउस को नुकसान पहुंचाया था। वन विभाग द्वारा हाथियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। वन विभाग हाथियों को रायगढ़ सीमा क्षेत्र के अंदर तक खदेडऩे में सफल रहे थे। गत सोमवार की रात पुनः हाथियों के पांच दलों द्वारा मैनपाट क्षेत्र में पहुंचने व तांडव मचाने से एक बार फिर ग्रामीणों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। ग्रामीण आशियाने के लिये अब इधर-उधर भटक रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो वन अमला द्वारा प्रभावित घरों के लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये गये हैं जिसके चलते ग्रामीण दूसरे गांव अपने रिश्तेदारों या किसी सुरक्षित स्थान में पेड़ के नीचे ही अपना आशियाना बनाने में लगे हुये हैं।