यहां कचरा वाहन मे ढोते हैं इंसानो का शव.. और दफनाने के लिए इस्तेमाल होता है जानवरो का कब्रिस्तान

सतना: मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सतना से सामने आई है,, जहां एक लावारिस व्यक्ति का इलाज सतना जिला अस्पताल में होता है,, लेकिन इलाज के दौरान उसकी डेथ हो गयी,, उस लावारिस लाश को नगर निगम किस तरह से दफनाता है,, शायद किसी जानवर के साथ भी ऐसा सलूक शायद कोई करता होगा,, सतना का नगर निगम कचरा ढोने वाली गाड़ी में डेड बॉडी को रखकर बीच सहर से जानवरों की तरह ले जाती है,, और कचरे के ढेर में गड्ढा करके दफना देती है,, तस्वीरें विचलित कर सकती है लेकिन यह सच है इंसानों के साथ इंसानों जैसा बर्ताव शायद सतना जिला प्रशासन करना भूल गया है एक इंसान के शव के साथ जानवरों से भी गंदा सलूक शायद आपने कहीं नहीं देखा होगा।
यहां ऐसा होता है
सतना नगर निगम के कचरा ढोने वाली गाड़ियों में उन बदनसीब को ले जाया जाता है,, जिसका शायद अब इस दुनिया में कोई नहीं,, बीमारी की हालत में एक सक्स सतना जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था,, इलाज के दौरान मौत हो गई,, अब इस लाश का अंतिम संस्कार कराना सतना नगर निगम की जिम्मेदारी थी,, सतना नगर निगम इस जिम्मेदारी को किस बखूबी से निभाता है यह भी सुन लीजिए,, कचरे की गाड़ी में मृत मानव शरीर को बीच बाजार से होकर जानवरों की तरह ले जाते है,, पर मुक्ति धाम न ले जाकर हवाई पट्टी में निगम के कचरा डंपिंग स्थान ले जाया जाता है,, और फिर लाबारिष लाश को जिस तरह से दफनाया जाता है शायद मानवता के लिए इससे घिनोना कृत हो ही नहीं सकता,, ये तस्वीर आप को विचलित कर सकती है,, पर निगम प्रशासन इस तरह का अमानवीय कृत्य को अंजाम देकर शवो का अपमान कर रहा,, नियम के तहत निगम प्रशासन को इन शवो को पुलिस से सुपुर्दगी लेकर विधवत मुक्ति धाम में दफन करना चाहिए,, मगर निगम द्वारा पूरे सहर का कचरा और मेरे जानवरों को जहां दफन किया जाता है वहां लावारिश मानव सवों को दफन किया जा रहा, इस अमानवीय कृत्य के बारे में जब निगम प्रशासन से सवाल किया गया तो उन्होंने भी इस तरह की लापरवाही को अमानवीय बताया और जांच कराने की बात कहकर अपना पलड़ा झाड लिया,, बताया यह भी जा रहा है कि यह कोई अकेला मामला नही हर लावारिस लास के साथ यही किया जाता है, जो इस घटना में सामने आया।
लावारिश शवों के साथ खिलवाड
ये लाशें वो होती है जिसका कोई नही होता, शिनाख्त न होने पर प्रशासन दफन करता है, जरूरत पड़ने पर लास की शिनाख्ती के लिए निकाला भी जाता है,, मगर इस तरह की लापरवाही से उन लाशों के अवशेषों को तलाश पाना टेढी खीर होगा,, क्योंकि ये लाशें या तो कचरों के ढेर में दब जाती है या फिर कुत्ते और अन्य जानवरों के मुह का निवाला वन जाती है,, कानून के तहत ये शव का अपमान दंडनीय अपराध है, इसके बाबजूद कानून का मखौल उड़ाया जा रहा और मानवीय संवेदना को तार तार किया जा रहा ।