ठोस आश्वासन पर पत्रकारों का आंदोलन तीन दिन के लिए स्थगित..

धरना स्थल पहुंचकर कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने जिपं सीईओ को हटाने दिया ठोस आश्वासन

प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को यथास्थिति से अवगत कराने दिलाया भरोसा

जांजगीर-चांपा। जिले में पत्रकारों के अनिश्तिकालीन आंदोलन के छठवें दिन आज पत्रकारों ने अपनी आवाज बुलंद की। बीते 13 दिनों से पत्रकारों का आंदोलन जारी है, जिसकी आग प्रदेश के साथ अब देश भर में भड़कनी शुरू हो गई है। जिले के पत्रकार अपने आंदोलन को और तेज करने रणनीति तैयार कर ही रहे थे कि आज कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल धरनास्थल पहुंचा और उन्होंने जिला पंचायत सीईओ के तबादले का ठोस आश्वासन दिया। इस पर पत्रकारों ने अपने आंदोलन को 18 से 20 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है।

आपकों बता दें कि बीते 4 फरवरी को जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत के चेंबर से पत्रकारों से दुर्व्यवहार का मसला प्रारंभ हुआ तो वहीं जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव के प्रारंभ में 4 फरवरी को ही मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों को कार्यक्रम स्थल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत के बिगड़े बोल से पत्रकार बहुत ही आहत हुए और उन्होंने अपने सम्मान के लिए इसी समय से सड़क पर उतरकर आंदोल शुरू कर दिया। इस बीच पत्रकारों ने कैंडल मार्च किया तो वहीं बाइक रैली भी निकाली। इसके अलावा बीते छह दिनों से शहर के कचहरी चौक के पास जिले भर के पत्रकार अनिश्तिकालीन आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि इस बीच जिले के कांग्रेसियों ने सुलह कराने कई कोशिश की लेकिन मामले का पटाक्षेप नहीं हो सका। मसलन, पत्रकार पूरी तरह आर-पार की लड़ाई के मूड में है। इस वजह से पत्रकार अपने आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तैयार कर रहे थे। इसी बीच आज शाम वरिष्ठ कांग्रेसी रघुराज पाण्डेय, देवेश सिंह, रामविलास राठौर, आभास बोस, प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रवीण पाण्डेय, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रिंस शर्मा सहित एक प्रतिनिधि मंडल धरनास्थल पहुंचा। उन्होंने जिला पंचायत सीईओ अजीत बंसत के तबादले के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से खास चर्चा करने का ठोस आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री को यथास्थिति से अवगत कराने के बाद जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत का यहां से तबादला हो जाएगा। इसके पहले भी कांग्रेस का यही प्रतिनिधि मंडल आंदोलनरत पत्रकारों से धरनास्थल पहुंचकर चर्चा कर चुका है लेकिन चर्चा विफल रही। इधर, कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल के ठोस आश्वासन के बाद जिले के पत्रकारों ने अपने आंदोलन को 18 फरवरी से तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। पत्रकारों का कहना है कि यदि आश्वासन के समयावधि के बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वे विशेष रणनीति के तहत अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।