गरियाबंद…जिले का पुलिस प्रशासन अब उन वाहनो पर अपनी नजर टेढी करने लगा है.. जिन वाहनो मे वाहन की
नंबर प्लेट पर मालिको ने पदनाम लिखवाया है या फिर आरटीओ नियमो के विपरीत रंग बिरंगी नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा भी कुछ लिखवा रखा है.. दरअसल मुख्यालय कोतवाली पुलिस ने आज शुरू की अपनी कार्रवाई मे कई बडे अधिकारी , बडे नेता के साथ कुछ छुटभईया नेताओं के वाहनो पर चलानी कार्यवाही की है..,जानकारी के मुताबिक के मुताबिक कोतवाली पुलिस ने जनपद पंचायत सीईओ , जिला पंचायत उपाध्यक्ष , कुछ समाजिक संस्था के लोगो के साथ ही कई ऐसे छूटभईया नेताओ के वाहन रूकवाए जिनके वाहनों के नंबर प्लेट पर उनके पद नाम लिखे थे. फिलहास सिटी कोतवाली पुलिस ने सुबह से शुरू की अपनी कार्रवाई जारी रखी है.. और उम्मीद है कि अगर छुटभईया नेताओं को छुडवाने के लिए उनके वजनदार नेताओं के फोन ना आए तो शाम तक कई और नेता नप सकते हैं.
वाहन सजाने की होड
यातायात कानूनों का उल्लंघन करने में कोई किसी से कम नहीं है. आम लोगों पर रौब जमाने के लिए कुछ पुलिसकर्मी अपने मोटर साइकिलों की नंबर प्लेट पर पुलिस लिखवा लेते हैं. इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों के ओहदेदार लोग व प्रेस वाले भी कानून का मजाक और अपना वजन जताने के लिए नंबर प्लेट मे अपना पद लिखवा लेते है.. इतना ही नही पार्षद से लेकर सरपंच तक और सदस्य से लेकर अध्यक्ष तक के वाहनों की नंबर प्लेट पर उनका पदनाम लिख होता है.. जो नियम विरूद्ध है..दरअसल वाहनों पर स्पष्ट रूप से नंबर नहीं लिखे होने, निशान, चिन्ह या लोगो अंकित होने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना लगया जा सकता है.. लेकिन आमतौर पर पुलिस या आरटीओ विभाग के अधिकारी ऐसी कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा
बच जाते है अपराधी .
कई वाहनों की नंबर प्लेट पर लोगो, नाम, राजनीतिक पदनाम आदि लिखे रहते हैं, जो नियम विरुद्ध है. कुछ वाहनों की नंबर प्लेट पर वाहन मालिक नाम, गौत्र या फिर पेशा लिखा रहता है. जिले में इस तरह के कई दो पहिया और चार पहिया वाहन बेखौफ घूम रहे हैं.
चार पहिया वाहनों की नंबर प्लेट पर अनावश्यक रूप से लाल व नीले रंग की पट्टी खींच दी जाती है . गलत तरीके से नंबर लिखे होने के कारण लूट, एक्सीडेंट या अन्य तरह की वारदात होने पर बदमाशों के वाहनों के नंबर पीडित व्यक्ति समझ नहीं पाता है. ऐसे में अपराधी आसानी से बच निकलते हैं और उन्हें पकडऩे के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.