भू-जल स्तर को संरक्षित करने में सहभागिता निभाने मुख्यमंत्री की अपील
अम्बिकापुर
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह की मासिक रेडियोवार्ता ‘‘रमन के गोठ’’ की आठवीं कड़ी को आज सरगुजा जिले के सांसद आदर्ष ग्राम करम्हा सहित जिला मुख्यालय अम्बिकापुर और गांव-गांव में उत्साह से सुना गया। ‘‘रमन के गोठ’’ के सामूहिक श्रवण के बाद सांसद आदर्ष ग्राम करम्हा की सरपंच श्रीमती हिरमनिया देवी ने कहा कि ‘‘रमन के गोठ’’ के माध्यम से मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह जहा तीज त्यौहार और पर्वों की शुभकामनाएं एवं बधाई देते है, वहीं बच्चो की पढ़ाई और स्वास्थ्य की भी चिंता करते हैं। हसुलीपारा की श्रीमती रेषमा महंत ने कहा कि हम हर माह के दूसरे रविवार को ‘‘रमन के गोठ’’ सुनते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समसमायिक विषय जैसे गर्मी में होने वाली बिमारियों से बचाओं के उपाय भी सुझाय हैं। इसी तरह फुलकुवंर ने कहा कि दिनो-दिन गिरते जा रहे भू जल स्तर के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री ने वाटर हरवेस्टिंग के माध्यम से गांव का पानी गांव में रोकने का अच्छा सुझाव दिये हैं।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने ‘‘रमन के गोठ’’ कार्यक्रम की आठवीं कड़ी में प्रदेषवासियों को राम नवमीं और महावीर जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे यहां शक्ति पूजा की परम्परा रही है। उन्होंने संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर को नमन करते हुए उनकी जयंती पर प्रदेषवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 125 जयंती मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने डाॅ. अम्बेडकर का मूल मंत्र षिक्षित बनों, संगठित बनों और संघर्ष करों का स्मरण करते हुए कहा कि आज भी प्रसांगिक है। उन्होंने कहा कि हमने अच्छा जीवन जी लिया और आने वाली पीढ़ी के लिए अफसोस न हो इसके लिए जरूरी है कि बाबा साहब के मार्गदर्षित सिद्धांतों को लेकर चले। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ. बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक ‘‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’’ चलाया जायेगा और प्रथम चरण के तहत 14 से 16 अप्रैल तक सामाजिक समरसता के कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें और 17 से 20 अप्रैल तक द्वितीय चरण के तहत किसान सभा आयोजित किये जायेंगे तथा तीसरे चरण में 21 से 24 अप्रैल तक सभी ग्राम पंचायतों में विषेष ग्राम सभा आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा दूर संचार के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल से स्कूल प्रारम्भ हो गये हैं। गतवर्ष षिक्षा गुणवत्ता सुधार अभियान चलाया गया था और इस वर्ष शालाओं के सामाजिक अंकेक्षण का कार्य डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल से शुरू किया जायेगा, जिसमें यह देखा जाना है कि षिक्षक क्या पढ़ा रहे है, बच्चे कितने समझ रहे है आदि की जानकारी ली जायेगी। उन्होंने सभी माताओं से कहा कि वे अपने बच्चों को षिक्षा दिलाने में सहभागिता निभाएं और यह देखे कि बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा है। यदि माताएं सक्रिय हो जाएंगी तो शाला प्रबंधन समिति पर भी दबाव बढ़ेगा, जिससे षिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल से नए षिक्षण सत्र शुरू हो गया है, और बच्चो को सभी किताब कापी उपलब्ध हो गये है, जिससे बच्चों के माता-पिता और बड़े भाई भी गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को पढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि शाला प्रवेष उत्सव के दौरान यह देखा गया है कि पांच वर्ष के छोटे बच्चे मंच पर आकर गीत गाये और पूरे आत्मविष्वास से अपना परिचय दिये तथा उनमें शाला जाने के लिए उत्साह देखा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के दिनों में लू, डारिया, टाईफाईट, उल्टी-दस्त, पीलिया आदि बीमारी बढ़ने की भी आशंका रहती है। इस लिए पालक भी बच्चों को जब स्कूल भेंजे तो वाटर बेग के साथ में भेजे तथा खली पेट न रहें और पीलिया एवं डारिया की षिकायत होने पर मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सूचित करें। उन्होंने कहा कि 24 घंटे टेलीफोन से 104 स्वास्थ्य परामर्ष सुविधा केन्द्र से स्वास्थ्य संबंधी परामार्ष प्राप्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से हमें पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है लेकिन भूजल के अधिक दोहन से भू जल स्तर दिनों दिन नीचे गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भू जल स्तर को आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित करने हेतु वाटर हारवेस्टिंग का उपयोग कर गांव का पानी गांव में रोकने के लिए सहभागी बने। इस कार्य में मनरेगा का भी उपयोग किया जा सकता है।