दुर्ग..छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के नेतृत्व में राज्य भर के लिपिक पुनः आंदोलन की ओर अग्रसर है।
यह निर्णय आज दुर्ग में संपन्न लिपिक संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक में लिया गया. बैठक में प्रदेश भर के सक्रिय लिपिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि लिपिकों की 37 वर्षों से लंबित वेतन विसंगति एवं चार स्तरीय वेतनमान की मांग को लेकर हम पाँच चरणों का आंदोलन कर चुके हैं। राज्य शासन के द्वारा वेतन विसंगति दूर करने एवं चार स्तरीय वेतनमान के लिए स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा चार स्तरीय वेतनमान देने की घोषणा सार्वजनिक मंच से की गई, इसमें बावजूद शासन ने तीन स्तरीय वेतनमान देने का ही आदेश जारी किया है। उस आदेश में भी कई त्रुटियां है, जिस कारण बहुत कम कर्मचारियों को ही इसका लाभ मिलेगा। शासन के इस आदेश से कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
लिपिक नेता रमेश तिवारी ने मंच से आग्रह किया, कि प्रदेश भर के लिपिक आंदोलन के मूड में हैं, पिछली बार अनिश्चितकालीन आंदोलन की तिथि परिवर्तित करने से लिपिकों में निराशा फैल गयी थी। सक्रिय लिपिकों का मनोबल कम न हो, इसलिये हमे और विलंब न करते हुये इस बैठक के दौरान ही आंदोलन की तिथि निर्धारित करके हल्लाबोल करना चाहिये।
रायपुर, दुर्ग, बस्तर और बिलासपुर संभाग के जिलों से यह प्रस्ताव आया कि हमे एक महारैली का आयोजन करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहिये, इसके बाद भी माँग पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। सरगुजा संभाग अध्यक्ष सुशील टोप्पो एवं बलरामपुर संरक्षक इम्तियाज अहमद ने भी इसका समर्थन किया।
प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने राज्य भर के लिपिकों की मंशानुरूप प्रदर्शन और हड़ताल करने की सहमति दिया। और सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री में गृह जिले राजनांदगांव में महारैली करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका उपस्थित सभी लिपिकों ने समर्थन किया।
प्रांताध्यक्ष दादा चंद्रिका सिंह ने सबके विचारों पर मंथन उपरांत आन्दोलन की घोषणा किया। उन्होंने पांचों चरणों की सफलता पर सबको बधाई दिया, और अंतिम चरणों में आंदोलन हेतु तन मन धन से तैयार रहने का आह्वान किया।
उन्होंने घोषणा किया कि आन्दोलन के छठवें चरण में 1 सितम्बर को प्रदेश भर में लिपिक राजनांदगांव में उपस्थित होकर महारैली का हिस्सा बनेंगे। इसके बाद 7 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल होगा। माँग पूरी न होने पर आंदोलन को और उग्र भी किया जायेगा।
उपस्थित समस्त लिपिकों ने एकमत से इस निर्णय का स्वागत किया।
कार्यक्रम के अंत मे दिवंगत राज्यपाल आदरणीय स्व. श्री बलराम दास टण्डन एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुये उनकी आत्मा की शांति हेतु मौन रहकर प्रार्थना किया। इसके बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ।