- एक सप्ताह के अंदर हटाएं दीवारों पर लिखी चेतावनियां
- समाज को बांटने की कोशिशों को नहीं होने दिया जाएगा सफल
जशपुरनगर (तरुण प्रकाश) इन दिनों आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में कुछ संगठनों द्वारा गांव के पत्थर व दीवारों पर संविधान का हवाला देते हुए कई तरह की चेतावनी लिखी जा रही है। ऐसा करने वाले कथित संगठन ने इसे पत्थलगाड़ी अभियान नाम दिया है। इससे ग्रामीण समाज में उथल पुथल मचा हुआ है। दीवारों पर लिखे लेख गांव-गांव में चर्चा का विषय है।
वही इसे लेकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष व ऑपरेशन घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कड़ा ऐतराज दर्ज कराया है,प्रबल ने कहा है कि यह सभी हरकतें समाज को तेाड़ने के उद्देश्य से बाहरी षड़यंत्रकारी शक्तियों द्वारा किया जा रहा है। ऐसे कृत्य प्रदेश में कहीं भी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। दीवार लेखन कर समाज में विद्वेश फैलाने वाले सावधान हो जाएं, वे दीवारों पर लिखे अर्नगल बातों को तत्काल मिटाएं अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार हो जाएं।
प्रबल प्रताप के तीखे तेवर…
प्रबल के बयान के तेवर यह बता रहे हैं कि वे ऐसी घटनाओं से काफी ज्यादा नाराज हैं। जारी बयान में प्रबल ने कहा है कि संविधान का उल्लेख करते हुए अपने हित की बातों को रखने वाले लोग ग्रामीणों के बीच भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। संविधान को गलत तरीके से तोड़ मरोड़कर पेश करने वाले लोगों की मंशा है कि सरकार और प्रशासन से ग्रामीण अपना नाता तोड़ लें। क्योंकि दीवार व पत्थरों पर यह भी लिखा जा रहा है कि अनुसूचित क्षेत्र में बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध है। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों से दूर रखा जाए और गांव का विकास थम जाए। कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन गांव में ना हो सकें और गांव व ग्रामीणों का विकास रूक सकेगा। क्योंकि जब विकास रूकेगा तब ग्रामीणों को स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए मदद की आवश्यकता होगी और धर्म परिवर्तन करने वाले लोग अपने मंसूबों में कामयाब हो सकेंगे।
गंभीरता से ले प्रशासन
प्रबल ने कहा कि गांव में घटने वाली ऐसी घटनाओं को लेकर प्रशासन को गंभीर होना होगा। क्योंकि नक्सलवाद व आतंकवाद ऐसे ही परिस्थितयों में पनपता है। प्रबल ने कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले व संविधान का नाम लेकर अपना उल्लू सीधा करने वाले लोगों की पहचान कर इनपर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। साथ ही ऐसी मुहीम के पीछे के उद्देश्यों का भी पर्दाफास होना जरूरी है। प्रबल ने कहा कि ग्रामीण स्वयं आगे आकर पुलिस को आवेदन देकर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बगीचा एसडीएम और थाने में आवेदन दिया गया है।