बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार )प्रदेश में एक ओर सूबे के मुखिया अपने 14 वर्षो के कार्यकाल में चहुमुखी विकास का दावा करते हुए,विकास रथ में प्रदेश की यात्रा पर है,तथा पन्द्रहवी बार सत्तासीन होने को आतुर है..तो वही सत्तापक्ष के नेता मनरेगा के कार्यो में ठेकेदारी प्रथा से दबंगई के साथ काम कर रहे है…
दरसल बलरामपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम सेंदुर गोपालझरिया नाले पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत लगभग 19 लाख रुपये की लागत से स्टॉप डेम निर्माण की स्वीकृति मिली थी,और इस निर्माण कार्य को ग्राम पंचायत को करवाना था,लेकिन उक्त कार्य ठेकेदारी प्रथा के तहत किया जा रहा है..
सरपंच ने आरोप लगाया है की भाजपा के जिला महामंत्री ओमप्रकाश सोनी के द्वारा दबंगई पूर्वक नियमो को दरकिनार कर स्टॉप डेम का गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया जा रहा है..कार्य स्थल पर सूचना पटल तक नही लगाई गई है..
वही पंचायत विभाग के अधिकारियों का कहना है की ग्राम पंचायत के कार्यो में ठेकेदारी प्रथा का कोई प्रावधान नही है,बावजूद इसके नेताओ द्वारा धड़ल्ले से पंचायत स्तर का कार्य किया जा रहा जो नियम विरुद्ध है यदि कोई लिखित शिकायत मिलती है तो संबंधित कार्य एजेंसी के ऊपर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी…
लेटर पैड का खेल
सत्ता पक्ष में बैठे जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के जनप्रतिनिधियों के लेटर पैड के माध्यम से कार्यो की स्वीकृति कराई जाती जो समझ से परे है, प्रशासन के कुर्सी में बैठे अधिकारी लेटर पैड के माध्यम से बिना कार्यस्थल के भौतिक सत्यापन के निर्माण कार्य की स्वीकृति दे देते है..इसे यूं कहे की सत्ता का डर या फिर कमीशन का गणित..
होते है घटिया निर्माण कार्य
आये दिन देखने को मिलता है कि बड़े बड़े निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन होते है, ये इसी का नतीजा है.. की अधिकारी भी कही न कही सत्ता पक्ष के दवाव में रहते है…