कोरबा..छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मी के साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौर चरम सीमा पर है..राजनैतिक दलों के नेता अपने आप को पाक बताने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है..वही राज्य में तीसरी शक्ति का पर्याय बनकर उभरी पूर्व मुख्यमंत्री की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस भी इन विवादों से अछूती नही है..पार्टी नेतृत्व पर उसी पार्टी के नेता सामंतवादी विचारधारा का आरोप लगाते हुए पार्टी से किनारा कर ले रहे है..
बता दे की कोरबा में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी को एक बड़ा झटका लगा है..जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष शिव अग्रवाल ने जिला अध्यक्ष पद के साथ ही पार्टी के सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है.. इसके साथ ही जिला अध्यक्ष ने पार्टी पर प्राइवेट लिमिटेड की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए..छजका को पार्टी में सामंतवादी सोच रखने वालों की पार्टी बताया है.. एन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता कांग्रेस जोगी को बड़ा झटका लगा है.. हालांकि पार्टी ने जिला अध्यक्ष का इस्तीफा स्वीकार किया है या नहीं यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है..
दरअसल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के जिला अध्यक्ष शिव अग्रवाल पहले कांग्रेस के नेता थे मगर अजीत जोगी के द्वारा पार्टी गठित करने के बाद से शिव अग्रवाल छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के साथ काम कर रहे थे और उन्हें जिला अध्यक्ष का दायित्व भी सौंपा गया था मगर पिछले कुछ दिनों से शिव अग्रवाल पार्टी के कार्यकर्ताओं से नाराज चल रहे थे ..शिव अग्रवाल ने अपना इस्तीफा लोकसभा प्रभारी ज्ञानेंद्र उपाध्याय को सौंपते हुए पार्टी में कार्यकर्ताओं के सम्मान नहीं होने का आरोप तो लगाया ही है साथ ही साथ यह भी आरोप लगाया कि पार्टी अब प्राइवेट लिमिटेड की तरह काम कर रही है ..और यहां सामंतवादी सोच हावी हो गई है ऐसे में शिव अग्रवाल ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जिला अध्यक्ष समेत सभी दायित्वों से इस्तीफा सौंप दिया है शिव अग्रवाल ने अपना इस्तीफा लोकसभा प्रभारी को सौंपते हुए पार्टी पर हमला बोला है.. वही इधर पार्टी ने अग्रवाल का इस्तीफा मंजूर किया है या नहीं यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है ..मगर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को छोड़ने के बाद एक बार फिर शिव अग्रवाल के कांग्रेस में शामिल होने की कवायद तेज हो गई हैं ऐसे में कहा जा सकता है कि चुनाव के ठीक पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वरिष्ठ नेता होने के साथ ही शिव अग्रवाल 15 सालों से निगम में पार्षद भी हैं ..ऐसे में उनके इस्तीफे के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को काफी नुकसान हो सकता है..