रायपुर..जिस तरीके से प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनावी समीकरण बनते और बिगड़ते जा रहे है..ठीक उसी तरह प्रदेश की सियासी गलियारों में एक खबर आम हो गई है. जिस पर चर्चाओं की जंग छिड़ गई है..
दरसल प्रदेश में चुनावी साल में प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे अजित जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बनाई ..लेकिन वे अपनी पत्नी और मौजूदा दौर में कांग्रेस विधायक रेणु जोगी को अपनी पार्टी में शामिल करा पाने में नाकाम रहे थे..अजित जोगी ने प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया और बसपा से हाथ भी मिलाया..इसी दौरान जोगी धुंआधार चुनाव प्रचार की रणनीति बना रहे थे..और उन्होंने खुद मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था..
वही अब जानकर सूत्रों के मुताबिक अजित जोगी मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव सीट से चुनाव नही लड़ेंगे. हालांकि इस बात की पुष्टि अजित जोगी ने नही की है..पर सियासत तो सियासत है..छजका की बसपा से गठबन्धन के बाद बसपा नेता लालजी वर्मा अजित जोगी को चुनाव नही लड़ने के लिए मनाने में लगे हुए है..
बसपा के कद्दावर नेता लालजी वर्मा का कहना है की छजका सुप्रीमो अजित जोगी के विधानसभा चुनाव लड़ने से दोनों ही दलों का (बसपा-छजका) का ध्यान बंट जाएगा.. जिसका चुनाव नतीजों पर असर पड़ेगा..