बलरामपुर(कृष्णमोहन कुमार) जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना कोटपाली व्यपवर्तन योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई है..जिन किसानों की जीविकोपार्जन को हल करने इस परियोजना को बनाई गई थी..आज वही किसान मुआवजे के लिए दर -दर भटकने को मजबूर हो गये.. कोटपाली परियोजना से जितने भी किसान प्रभवित हुए है,वे लघु किसान है..और इन्ही किसानों की खेतिहर क्यारी नुमा जमीन पर उक्त योजना का विस्तार होना है…
- जिन के लिये बनी योजना..अब वही आहत..
दरसल 86 करोड़ की लागत से कोटपाली व्यपवर्तन परियोजना बनाई गई थी,इस परियोजना पर काम भी शुरू हो गया है,लेकिन इस परियोजना से आधा दर्जन गांवों के लघु किसानो के समक्ष आजीविका के लिये संकट के काले बादल छा गए है..इस परियोजना में कोटपाली बांध समेत 10 किलोमीटर के नहर निर्माण के कार्य कराए जाने है..जिसके चपेट में 40 से 45 किसानों की क्यारिनुमा जमीन छीन गई है..किसानों को जमीन के एवज में किसी प्रकार का मुआवजा प्रशासन की ओर से नही दिया है..
- किसानों को मिले न्याय-धीरज सिंहदेव…
वही आज उक्त परियोजना से प्रभावित होकर किसान जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव के नेतृत्व में कलेक्टर एच एल नायक से मिलने पहुँचे थे..लेकिन इन किसानों को हर बार की तरह आस्वाशन ही प्रशासन की ओर से मिला.. किसानों ने मांगे नही माने जाने पर काम बंद कराने की बाद भी कलेक्टर से कही है,आपको बता दे इन किसानों को मुआवजे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है..
- आखिर गलती किसकी?…
जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना में नियम के मुताबिक निर्माण कार्य शुरू होने से पहले प्रभवितो को मुआवजे की राशि का ना मिल पाना एक गम्भीर विषय तो है ही..लेकिन प्रशासन को यह सब पहले ही तय कर लेना था..और यह सब पहले से क्यो नही किया गया यह समझ से परे है..यही नही कलेक्टर साहब इस सम्बंध में अपने मातहतों से जानकारी लेकर उचित कार्यवाही का आस्वासन दे रहे है,लेकिन सवाल अब भी वही है,की जिन किसानों के लाभ के लिए बनी यह परियोजना उन्ही किसानों के लिए मुसीबत बन गई तो आखिर गलती किसकी है?…