रायपुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ’सहज बिजली-हर घर योजना’ (सौभाग्य योजना) पर छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अमल शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस योजना के तहत अगले दस महीने में, सितम्बर 2018 तक 465 गांवों के सात हजार मजरों-टोलों में स्थित लगभग छह लाख घरों में बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य घोषित किया है। इस लक्ष्य की पूर्ण होते ही छत्तीसगढ़ विद्युतीकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लेगा। वर्तमान में राज्य के लगभग 98.67 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है।
मुख्य सचिव विवेक ढांड ने सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी 27 जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में सौभाग्य योजना के लक्ष्य पूर्ण करने के लिए गांवों में सौभाग्य योजना शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि शिविरों में प्राप्त आवेदनों के आधार पर घर-घर बिजली का कनेक्शन दिया जाए। यह कार्य छत्तीसगढ़ राज्य वि़द्युत वितरण कम्पनी (सीएसपीडीसीएल) के माध्यम से किया जाएगा। श्री ढांड ने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना देश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समस्त गरीब परिवारों को विद्युत कनेक्शन सहज उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है।
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को इस योजना की सतत निगरानी करने और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। श्री ढांड ने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत जिन गांवों के शत-प्रतिशत घरों में बिजली का कनेक्शन दे दिया जाएगा, उन गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के ओडीएफ उत्सव की तरह ’बिजली तिहार’ का भी आयोजन किया जाए। इसके साथ ही शत-प्रतिशत विद्युतीकृत हो जाने वाले गांवों, ग्राम पंचायतों, विकासखण्डों और जिलों को क्रमशः ऊर्जित ग्राम, ऊर्जित ग्राम पंचायत, ऊर्जित विकासखण्ड और ऊर्जित जिला घोषित करते हुए सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे और प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से प्रसारित अपनी मासिक वार्ता ’रमन के गोठ’ की 27वीं कड़ी में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना की चर्चा करते हुए शत-प्रतिशत विद्युतीकरण वाले गांवों में ऊर्जा उत्सव (बिजली तिहार) मनाने की घोषणा की थी।
मुख्य सचिव श्री ढांड ने जिला कलेक्टरों को भेजी गई चिट्ठी में लिखा है कि बिजली तिहार में ऐसे गांवों के उन व्यक्तियों और जनप्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाए, जिनकी विशेष भागीदारी से सौभाग्य योजना के तहत गांवों को सौ प्रतिशत विद्युतीकृत करने में सफलता मिली है। बिजली तिहारों में हितग्राहियों को कनेक्शन प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे। श्री ढांड ने पत्र में जिला कलेक्टरों से कहा है – इन आयोजनों के माध्यम से लोगों में बिजली की बचत के प्रति जागरूकता भी लाई जाए। इसके लिए आम जनता को सौर ऊर्जा आधारित रूफ-टॉप योजना, पेयजल योजना, सौर सुजला योजना, सोलर हाईमास्ट लैम्प और एलईडी बल्बों की जानकारी दी जाए। राज्य में बिजली कम्पनियों द्वारा अधोसंरचना विकास के कार्य भी किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को पत्र में आगे लिखा है – बिजली तिहारों के मौके पर विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण, लाइन विस्तार, नये ट्रांसफार्मरों की स्थापना आदि से संबंधित कार्यों के लिए जनप्रतिनिधियों के हाथों भूमिपूजन और लोकार्पण के लिए ग्रामीणों की उपस्थिति में कार्यक्रम भी आयोजित किए जाए। पत्र में जिला कलेक्टरों से कहा गया है-प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप सबके लिए बिजली के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उदय योजना भी शुरू की गई है। इसके अंतर्गत प्रत्येक भारतवासी को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी और बिलिंग तथा कलेक्शन क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा दक्ष पंखों, एलईडी बल्बों का उपयोग बढ़ाने, लाइन लास की रोकथाम के साथ-साथ सौर ऊर्जा के उपयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा। बिजली के क्षेत्र में ऐसे जनसहयोग से ऐसे उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को आदर्श ऊर्जा ग्राम घोषित कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इन ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिए वहां के गांवों में सीएसआर और कलेक्टर मद से स्ट्रीट लाइट, सोलर हाईमास्ट, सोलर पम्प आदि लगाने के कार्य किए जाएंगे। उन्होंने जिला कलेक्टरों को प्रधानमंत्री इन योजनाओं के क्रियान्वयन में जनभागीदारी और जनसहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने लिखा है-किसी भी गांव अथवा व्यक्ति के घर जब बिजली पहुंचती है तो उनके व्यक्तिगत और सामाजिक परिवेश में बड़ा परिवर्तन आता है। गांव में बिजली आने से लोगों के जीवन में भी बदलाव आता है।