शहर के प्रतिष्ठीत संस्थानों में आयकर विभाग का छापा

 

अम्बिकापुर से इमरान रजा की रिपोर्ट

  • नगर के प्रतिष्ठीत संस्थाओं पर आयकर विभाग का छापा
  • साई बिल्डर्स एवं लक्ष्मी बोरवेल के संचालक ने की मीडिया कर्मियों से बदसलूकी
  • वित्तिय अनियमित्ताओं के लिए पहले से चर्चित संस्थान
  • अधिकारियों ने बताया सर्वे

 

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर में आज आयकर विभाग ने 6 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर छापा मार कार्यवाही करते हूए प्रतिष्ठानों की जांच की,, जिन प्रतिष्ठानों पर छापा मार कार्यवाही की गई है उनमें से कुछ प्रतिष्ठान कुछ दिन पूर्व ही चर्चा में आए थे,, लेकिन हैरानी की बात है की आयकर विभाग की इस कारवाही का कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों से व्यवसायिक प्रतिष्ठान के संचालक ने बदसलूकी की, तो वही आयकर विभाग ने भी व्यापारी के साथ राग अलापते हूए मीडिया कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया,

जांच करते अधिकारी
जांच करते अधिकारी

अम्बिकापुर मेें लंबे समय से टेक्स की चोरी करने वाले प्रतिष्ठानो पर आज आयकर विभाग ने कड़ा रूख दिखाते हूए आचानक छापामार कार्यवाही की है,, जिनमें से जय हनुमान राईस मील, जय हनुमान एग्रो सीड्स, जय हनुमान पीडी प्रोडक्ट एण्ड टेªडर्स के साथ ही साई बिलडर्स, लक्ष्मी बोरवेल के कार्यलयों और कई ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की गई,,, इधर छापामार कारवाही की खबर जैसे ही मीडिया कर्मियों को मिली वो वहां पहंुचे लेकिन कवरेज के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों पर अपनी धाक जमाने के लिए लक्ष्मी बोरवेल के संचालक संजय अग्रवाल ने मीडिया कर्मियों से बदसलूकी करना शुरू कर दिया,,
हालांकी लक्ष्मी बोरवेल के संचालक के इस साहस को दरकिनार करते हूए हमने आयकर विभाग के अधिकारियों से कारवाही के बारे में जानने की कोषिष की लेकिन आयकर के अधिकारी ने भी व्यवसायीक प्रतिष्ठान के संचालक की हां में हां मिलाते हूए मीडिया कर्मियों को कुछ बताने से बेहतर से बेहतर दुकान से NEW_VI_01बाहर का रास्ता दिखाना बेहतर समझा इतना ही नही उसके बाद दुकान संचालक और अधिकारी ने दुकान बंद करवा दी ओर संचालक से सांठगांठ भी शुरू कर दी,,
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों जिले में हूए बोरवेल घोटाले में संदिग्ध भूमिका के कारण ये संस्थान पहले ही प्रषासनिक निगाहों के दायरे में था,,, लेकिन अधिकारियों से सांट गाठ के कारण अपनी मनमानी के लिए मषहूर साई बिल्डर्स और लक्ष्मी बोरवेल के खिलाफ आज तक कोई कारवाही नही हुई है,,, तो देखना है कि इस बार आयकर विभाग के अधिकारी मीडिया से क्या छुपाने का प्रयास कर रहे थे,