अनूपपुर जिले में 2 जुलाई को होगा नाशपाती के पौधों का वृहद स्तर पर रोपण

आगामी 2 जुलाई को प्रदेशव्यापी वृहद वृक्षारोपण अभियान में अनूपपुर जिले में नाशपाती फल के पौधे लगायें जायेंगे। इसके लिये उद्यानिकी विभाग द्वारा सभी जरूरी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने बताया है कि अमरकंटक बायोस्फियर जोन नाशपाती फल के व्यापारिक उत्पादन के लिये अनुकूल है। इसके अलावा अनूपपुर के लिये नर्मदा बेसिन में वन विभाग 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में 8 लाख 38 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगायेगा।

कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल नाशपाती के 5,000 पौधे लगाये जा चुके हैं। नर्मदा नदी के दोनों तटों पर अनूपपुर में एक लाख 29 हजार फलदार पौधे लगाये जायेंगे। सभी नाशपाती के होंगे। उद्यानिकी विभाग द्वारा पौध तैयार कर ली गई है। पौध रोपण के लिये नर्मदा तट के किनारे स्थित 23 ग्राम पंचायत में 618 किसान का चयन कर लिया गया है। इसके लिये चयनित 330.8 हेक्टेयर में पौध रोपण के लिये गड्डे खोदने का काम अंतिम चरण में है। जो किसान अपने खेतों पर नाशपाती के पौधे लगायेंगे उन्हें नियमानुसार अनुदान भी दिया जायेगा।

नाशपाती सेव की प्रजाति का फल है। अमरकंटक की जलवायु इसके पनपने के लिये बेहद अनुकूल है। जहाँ अन्य फलदार पौधों के बड़ा होने पर उनमें तेज ठंड के कारण पाला मार जाता है, वहीं नाशपाती के पौधे के जीवित रहने की दर सबसे ज्यादा है। रोपने के चार साल बाद इस पर फलन शुरू हो जाता है। पचास से साठ किलो तक फल एक पेड़ पर लगते हैं। नाशपाती फल की मांग मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में काफी है। जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में कई किसान इसका व्यापारिक स्तर पर उत्पादन कर भी रहे हैं।

 

नाशपाती पौधरोपण के लिये नर्मदा तट से लगी जिन ग्राम पंचायतों में फल-पौध रोपण का लक्ष्य है उनमें बसंतपुर, बीजापुरीण, दमेहड़ी, देवरी, हर्रई, हर्राटोला, कछारटोला, कंचनपुर,करौंदाटेला, खजुरवार, खाल्हेदूधी, खाटी, खेतगाँव, कोयलारी, लालपुर, मोंहदी, परसवाह, पुरंगा, पडरिया, इटौर, भीमकुंडी, अमरकंट और ठाढ़पाघर शामिल हैं।