सरगुजा…अंबिकापुर शहर के बहुचर्चित जमीन घोटाले में फैसला आ गया हैं। रकबा 1.710 हेक्टेयर शासकीय जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर अलग-अलग 10 लोगों को बेची गई थी। कलेक्ट न्यायालय में सुनवाई के बाद जमीन की रजिस्ट्री को शून्य कर दिया गया हैं। इस मामले में दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया हैं। इसमें तत्कालीन नजूल तहसीलदार सहित दो आरआई, एक लिपिक पर मामला दर्ज किया गया हैं।
आपको बता दें कि, इस मामले में तहसीलदार नजूल अम्बिकापुर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अम्बिकापुर द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि, नमनाकला अम्बिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/ 1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि, जो सरगुजा सेटलमेंट में गोचर मद की भूमि हैं। इस भूमि को बंसु आत्मज भटकुल द्वारा अनियमित पटटा एवं विधिक प्रावधानों के विपरीत नजूल अधिकारी अम्बिकापुर के राजस्व प्रकरण पक्षकार “बंसु प्रति शासन” में पारित आदेश दिनांक 07 अक्टूबर 2022 के द्वारा अपने नाम पर रजिस्ट्री करवा।
इसके साथ ही उक्त शासकीय नजूल भूमि में से कई व्यक्तियों अनावेदकगण सतीश शर्मा, संमोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया, दिनेश कुमार को विक्रय कर दिया गया हैं। जिससे शासन को शासकीय भूमि की क्षति हुई हैं। उपरोक्त प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर न्यायालय द्वारा प्रकरण को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 50 के तहत पुनरीक्षण में ग्राहय कर सुनवाई किया गया। विधिवत अनावेदकगण को नोटिस जारी कर उन्हें सुनवाई का समुचित अवसर दिया गया हैं।
प्रकरण के जांच में पाया गया कि, अनावेदक बंसु द्वारा आवेदित भूमि का पट्टा विधि के सम्यक अनुक्रम के विपरीत अभिलेखों से परे कुट-रचित तैयार कर इसका पट्टा प्राप्त किया। आवेदित भूमि को अपने नाम से राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करने का आवेदन नजूल अधिकारी अम्बिकापुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां नजूल अधिकारी अम्बिकापुर पट्टे की वैधता की जांच किए बगैर नियम के विरुद्ध आदेश दिनांक 07 अक्टूबर 2022 के द्वारा उक्त आवेदित शासकीय नजूल मद की भूमि को बंसु आत्मज भटकुल के नाम से दर्ज कर दिया गया। जिसके आधार पर नजूल अधिकारी अम्बिकापुर के राजस्व प्रकरण पक्षकार “बंसु प्रति शासन” में पारित आदेश 07 अक्टूबर 2022 संहिता एवं प्रावधानों के विपरीत होने के कारण इसे दिनांक 28 मार्च 2024 को निरस्त कर दिया। और आवेदित भूमि मो. नमनाकला तहसील अम्बिकापुर स्थित वाद भूमि खसरा क्रमांक 243/1 में से रकबा 1.710 हेक्टेयर भूमि को पूर्ववत शासकीय नजूल मद में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया।
उक्त शासकीय नजूल वाद भूमि को स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग, न्यायालय, पुलिस विभाग, नगर पालिक निगम के लिए सुरक्षित रखे जाने का निर्देश दिया गया हैं। इसके साथ ही, बंसु आत्मज भटकुल द्वारा सेटलमेंट में दर्ज गोचर मद की आवेदित भूमि का पट्टा विधि अनुकूल नहीं होने से अनावेदक बंसु द्वारा उक्त भूमि में से उपरोक्त अनावेदकों को, जो भूमि पंजीबद्ध विक्रय पत्र के आधार पर विधि विपरीत विक्रय किया गया हैं। इसके साथ ही उसके समस्त अंतरण को अकृत एवं शून्य घोषित किया गया था। इस फर्जीवाड़े में भूमाफियाओं से मिलीभगत की गई थी। राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची गई थी।
अम्बिकापुर शहर में हुए भूमाफियाओं के साथ कूट नीति बनाकर जमीन फर्जीवाड़ा करने वाले एक लिपिक और दो राजस्व निरीक्षक को कलेक्टर ने निलंबित भी कर दिया हैं। इन तीनों के अतिरिक्त सरगुजा के पूर्व नजूल अधिकारी के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत पहले ही प्रशासन ने एफआईआर भी पंजीकृत करा दिया हैं। पूरे जमीन को फिर से शासकीय नजूल मद में दर्ज करने का आदेश दिया गया हैं। इस करोड़ो की जमीन फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक राहुल सिंह, नारायण सिंह व लिपिक अजय तिवारी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया परिलक्षित होने पर इन सभी के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत् आपराधिक प्रकरण पंजीकृत कराया गया हैं। वहीं, मामला उजागर होने के दौरान नीलम टोप्पो कोंडागांव जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ थे। उन्हें मंत्रालय में वापस बुलाया गया हैं।
इधर, कलेक्टर ने लिपिक अजय तिवारी, राजस्व निरीक्षक राहुल सिंह, नारायण सिंह को निलंबित कर दिया हैं। हालांकि, निलंबन आदेश में शासकीय कर्तव्य से बिना सूचना एवं अनुमति के अनुपस्थित रहने को कारण बताया गया हैं।
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