रायपुर. CM Vishnudev Sai: प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में गांवों तक विकास पहुंचाने के लिए जल्द ही नियद नेल्लानार योजना की शुरुआत करेगी। विधानसभा में सीएम विष्णु देव साय ने इस योजना के जल्द शुरु किए जाने का ऐलान किया। नियद नेल्लानार योजना के तहत गांव के लोगों को केंद्र की पीएम जनमन योजना से जोड़ने और उसका लाभ दिलाने की कोशिश की जाएगी। सरकार की कोशिश होगी की पीएम जनमन योजना के तहत जो भी सुविधाएं हैं वो गांव वालों तक पहुंचे। नियद नेल्लानार योजना का मकसद आर्थिक रुप से कमजोर जनजातियों का आर्थिक कल्याण करना है।
सीएम साय ने आदिवासियों के लिए किया बड़ा ऐलान
नियद नेल्लानार का मतलब होता है आपका अच्छा गांव। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि ”नई योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में जो गांव हैं उनको विकास से जोड़ा जाएगा। सुरक्षा शिविरों के माध्यम से गांव वालों तक सुविधाएं पहुंचाने और उनतक सरकार की योजनाएं पहुंचाने का काम होगा। सरकार इस बात की मॉनिटिरिंग करेगी कि जो भी पीएम जनमन योजना के तहत आते हैं उनको उनका वाजिब हक दिलाया जाए। सीएम ने कहा कि जब अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचेगा तब ही क्षेत्र का पूरा विकास होगा।
“पिछले कुछ महीनों में, बस्तर में 14 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं। शिविर नई योजना के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने में भी मदद करेंगे। नियद नेल्लानार के तहत ऐसे गांवों में लगभग 25 बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। योजना के तहत गांवों के परिवारों को आवास योजना, राशन कार्ड, मुफ्त चावल, चना-नमक, गुड़ और चीनी, उज्ज्वला योजना के तहत चार मुफ्त गैस सिलेंडर, आंगनवाड़ी, सामुदायिक भवन, सिंचाई पंप, मुफ्त बिजली और वन अधिकार प्रमाण पत्र का लाभ मिलेगा। सड़कों के साथ-साथ उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, खेल मैदान, बैंक, एटीएम, मोबाइल टावर, हेलीपैड आदि भी स्थापित किये जायेंगे। योजना के लिए 20 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार अधिक धनराशि सुनिश्चित करेगी।”
– विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
बस्तर में होगा अब तेजी से विकास
सरकार की मंशा है कि बस्तर में तेजी से विकास हो। सरकार चाहती है बस्तर में विकास से नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। माओवादी अक्सर गरीब और भोले भाले आदिवासियों की हालत को ढाल बनाकर गांव वालों को उकसाते हैं। सरकार चाहती है कि योजनाओं के जरिए नक्सलियों को करारा जवाब दिया जाए और गांव गांव तक योजना और विकास की रफ्तार पहुंचे।