धमतरी. जिले में बीते 2 दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश ने आम लोगों के जनजीवन को तो प्रभावित किया ही. किसानों और प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें भी ला दी है. बारिश का असर किसानों की फसल और प्रदेश में चल रही धान खरीदी पर भी पड़ा है. इस बारिश से अधिकांश सोसायटियों में रखा धान भीग गया है. जिससे सोसायटी प्रबंधक चिंता में आ गए हैं. प्रशासन ने बारिश से नुकसान का आंकलन तैयार कर लिया है.
धमतरी में 96 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की जा रही है. लेकिन बीते दो दिनों में अचानक हुई बारिश से सब अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश से सोसायटियों में खुले में रखा धान भीग गया है. सबसे ज्यादा नुकसान ऐसी सोसायटियों में हुआ है जहां तौलाई के बाद धान खुले में रखा था. इसी दौरान अचानक बारिश हो गई. जिले के सरसीवा, कुर्रा, देमार, संबलपुर, लिमतरा, अछोटा, शंकरदाह जैसे दर्जनों उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित हुई है. कुछ खरीदी केंद्रों की स्थिति काफी खराब है. धान के साथ ही खुले में रखे सैकड़ों बारदाने भी खराब हो गए हैं.
जिले में समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान खरीदी हो रही है. 28 दिनों में 22.33 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है. जिसकी कीमत 435 करोड़ है, जबकि 96 केंद्रों में अभी भी 11.38 लाख क्विंटल धान जाम है.सीएम भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर को बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने पहले ही कह दिया था. धमतरी प्रशासन ने भी बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर ली है. कलेक्टर पीएस एल्मा के मुताबिक बेमौसम बारिश से 96 खरीदी केंद्रों में से 31 खरीदी केंद्रों में 3300 क्विंटल धान का नुकसान हुआ है. जिन्हें सुखाया जा रहा है. मौसम खराब होने के चलते धान खरीदी अभी बंद की गई है. मौसम साफ होते ही धान खरीदी फिर से शुरू हो जाएगी.