नई दिल्ली. छात्रों के लिए यूजीसी के तरफ से एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है. यूनिवर्सिटी में गणित का छात्र अब हिंदी साहित्य या इतिहास की डिग्री भी ले सकता है. या फिर किसी भी विषय का छात्र यदि अन्य विषय पढ़ने के लिए योग्यता रखता है तो वह एक साथ तो डिग्री ले सकता है. उसे इग्नू या किसी अन्य संस्थान से दूसरी डिग्री लेने की इजाजत होगी. इसका मतलब है कि स्टूडेंट को नई डिग्री लेने के लिए मौजूदा कोर्स खत्म करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. दो कोर्स की पढ़ाई एक साथ की जा सकती है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक साथ दो डिग्री प्रोग्राम के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
यूजीसी के इस फैसले से छात्रों के लिए भविष्य में ज्यादा अवसर खुलेंगे. वे एक साथ दो डिग्रिया ले सकेंगे. इनमें से एक डिग्री रेगुलर होनी चाहिए. दूसरी डिग्री ओपन, डिस्टेंस लर्निंग या ऑनलाइन माध्यम से हो सकती है. एक छात्र अलग-अलग विषयों (स्ट्रीम) में डिग्री ले सकता है. इसके लिए उसी संस्थान में भी आवेदन किया जा सकता है. शर्त यह है कि वह संस्थान पढ़ाई के अलग-अलग तरीकों की पेशकश करता हो. विस्तृत गाइडलाइंस पर जल्द अधिसूचना जारी होगी.
यूजीसी के वाइस-चेयरपर्सन भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी. लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर इस समिति ने इस बारे में प्रस्ताव बनाया था. इस प्रस्ताव को अब हरी झंडी दे दी गई है. कमेटी के मुताबिक, चूंकि रेगुलर डिग्री प्रोग्राम के साथ न्यूनतम उपस्थिति के नियम लागू हैं. लिहाजा, दूसरी डिग्री को डिस्टेंस या ऑनलाइन माध्यम से लेना होगा. समिति को लगता है कि इससे छात्रों के पास भविष्य में ज्यादा मौके रहेंगे. इस फैसले के आधार पर छात्रों को एक साथ दो डिग्री लेने की अनुमति दी जाएगी. लेकिन, दोनों डिग्रियों के लिए डिलीवरी का मोड अलग-अलग होना चाहिए. रेगुलर डिग्री ले रहा छात्र दूसरी डिग्री केवल ओडीएल या ऑनलाइन माध्यम से ले सकता है.