जिला संवर्ग बनने पर स्थानीय युवाओं को मिलने लगा शासकीय सेवाओं में आने का मौका
राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के नक्सल समस्या ग्रस्त आदिवासी बहुल दो राजस्व संभागों बस्तर और सरगुजा के एक दर्जन जिलों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थानीय युवाओं के भर्ती के लिए किए गए विशेष प्रावधानों के उत्साहजनक नतीजे मिलने लगे हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि दोनों राजस्व संभागों में अब तक अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के आठ हजार 764 स्थानीय युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने जुलाई 2011 में यह नीतिगत निर्णय लिया था। इस निर्णय के अनुसार दोनों राजस्व संभागों में स्थानीय युवाओं को सरकारी सेवाओं में अवसर देने के लिए उनके जिला संवर्ग बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लगभग दो महीने पहले विगत 28 जनवरी 2015 को यहां आयोजित केबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार इस प्रावधान को अगले दो वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। इस बीच बस्तर राजस्व संभाग के जिलों में तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर दो हजार 219 और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर तीन हजार 779 स्थानीय युवाओं की भर्ती की गई। इसी अवधि में सरगुजा राजस्व संभाग के जिलों में तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर 992 और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर एक हजार 774 स्थानीय युवाओं का चयन किया गया। उल्लेखनीय है कि स्थानीय भर्ती का यह प्रावधान बस्तर राजस्व संभाग के कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर (जगदलपुर), दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिलों में तथा सरगुजा राजस्व संभाग के अंतर्गत कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, सरगुजा और जशपुर जिलों में किया गया है।