अम्बिकापुर(खबरपथ) – अंबिकापुर ब्लाक के छिंदकालो ग्राम पंचायत स्थित चिडपारा बस्ती के ग्रामीण आज भी चलने योग्य सडक और पीने योग्य पानी के साथ बिजली के लिए प्रशासन का मुंह ताक रहे है। हालांकि मनरेगा के तहत इस ग्राम पंचायत मे लाखो रुपए की लागत से कई विकास कार्य होने थे,, लेकिन अधिकारियो की उदासीनता से यंहा के सभी कार्य अधुरे पडे हुए है। सभी योजना की राशि खर्च भी हो गई है।
अम्बिकापुर से महज 15 किलो मीटर की दूर स्थित ग्राम पंचायत छिंदकालो के ग्रामीण आज भी बुनायादी आवश्कताओ के लिए जद्दोजहदकर रहे है। ग्राम पंचायत छिंदकालो की स्थिती इतनी दयनीय है कि यंहा के ग्रामीणो को पीने योग्य पानी लिए लंबी दूरी तय करके दूसरे गांव से पानी लाना पडता है। गौरतल है कि छिंदकालो के चिडपारा बस्ती मे उरांव ,चेरवा और कंवर समाज के तकरबीन 50 माकान मे 200 से अधिक आबादी है। जिसका संपर्क मुख्य मार्ग से एक दम कटा हुआ है।
गांव मे अगर कोई बीमार पड गया तो बिमार व्यक्ति को मुख्य मार्ग तक लाने के लिए खटिया को ही स्ट्रेचर बनाना पडता है, क्योकि गांव मे सडको का नाम ही नही है जिसके कारण साईकिल चल सके संभव नह है। स्कूल भी स्थिती भी खराब है नया भवन अधुरा पडा हुआ है, मजबूरन बच्चो को गाय के तबेले मे पढाई करना पडता है।
ऐसा नही है कि शासन की लाभकारी योजनाओ का क्रियान्यव सही तरीके से नही होने के कारण इस गांव की विकास रुक सा गया है। पांच वर्ष पूर्व गांव मे मनरेगा के तहत 1.5 किलो मीटर की सडक 17 लाख रुपए की लागत से पुलिया ,स्कूल भवन निर्माण का कार्य शुरु तो हुआ ,, लेकिन इनमे से कोई भी काम आज तक पूरा नही हो सका है। सभी काम अधुरे पडे है,, गांव मे बन रही पुलिया के अधूरे निर्माण के कारण गांव मे बरसात का पानी घुसने लगा है। जिसके कारण गांव की सडके दलदल मे परिवर्तित हो जाती है। इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण बात है कि छिंदकालो ग्राम पंचायत के जो भी काम अधूरे पडे है , उनकी राशि अधिकारियो द्वारा आहरित की जा चुकी है, ऐसे मे अब इन अधुरे निर्माण कार्यो का भविष्य क्यो होगा , यह किसी को पता नही है लेकिन इतना तय है कि यंहा रहने वाले ग्रामीणो को अब विकास के नाम के नाम से डर लगने लगने लगा है क्योकि विकास के तहत ही उनके गांव की तस्वीर ही बदतर हो चुकी है। प्रशासन के नुमाईंदे भ अब उनके गां की ओर देखते नही है।
डी.के.सोनी(अधिवक्ता) सामाजिक कार्यकर्ता—
आजादी के बाद से आज तक विकास के यंहा एक दुक्के कामो के अलावा कोई भी बुनयादी विकास नही हो पाया है,, इस गांव मे ना ही सडक है, ना पीने के पानी की व्यवस्था , बिजली तो दूर तक नजर नही आती है,, इसकी शिकायत कलेक्ट, जिला पंचायत सीईओ और लोकपाल तक की जा चुकी है,, लेकिन किसी ने अभी तक इस गांव की सुध नही ली है।