रायपुर, 11 फरवरी 2015
छत्तीसगढ़ में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विभिन्न प्रकार की हर्बल उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार के लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा इन उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल के ब्राण्ड नाम से बाजार में आकर्षक पैकेजिंग के साथ उतारा गया है। राजधानी रायपुर सहित दूर-दराज इलाकों में इन उत्पादों के विक्रय के लिए 31 ‘संजीवनी केन्द्र’ संचालित किए जा रहे हैं। स्थानीय समितियां इन केन्द्रों का संचालन कर रही हैं। इस योजना से जहां हजारों वनवासियों को अतिरिक्त रूप से रोजगार मिला हुआ है, वहीं जरूरतमंद लोगों को उचित मूल्य पर और स्थानीय रूप से उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण हर्बल औषधियां खरीदने को मिल रही रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इन संजीवनी केन्द्रों पर छोटी-छोटी अनेक बीमारियों से निजात पाने के लिए दवाईयां रियायती मूल्य पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों पर दिल की बीमारी के लिए लाभकारी अर्जुन चूर्ण, जुकाम एवं सरदर्द में उपयोगी तुलसी चूर्ण, त्वचा विकार, रक्त विकार एवं कृमि दूर करने के लिए नीम चूर्ण, हृदय रोग, डायबिटीज, अतिसार एवं लीवर रोगों में सेवन के लिए बेल चूर्ण, अपचन एवं यकृत दुर्बलता के लिए उदरामृत चूर्ण,सामान्य सर्दी और खांसी के लिए सितोपलादि चूर्ण और बल वीर्य, स्नायु मण्डल की कमजोरी के लिए केंवांच चूर्ण मिलती हैं। इसके अलावा दसावलेह चूर्ण, सतावर चूर्ण, आंवला चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, हर्रा चूर्ण,सफेद मूली चूर्ण,हर्बल फेस पैक, बिखुर पाउडर, सुगर मैनेजर, दंतमंजन चूर्ण, संधिवात हरचूर्ण, कौंचपाक, त्रिफला चूर्ण, अश्वगंधा पाक आदि औषधियां उचित दर पर उपलब्ध हैं। स्थानीय वैद्य भी सलाह एवं परामर्श के लिए इन केन्द्रों में मौजूद रहते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ हर्बल के नाम से राजधानी रायपुर में वन परिसर के सामने जी.ई. रोड पर संजीवनी केन्द्र संचालित किया जा रहा है। इसी तरह रायपुर वनवृत्त के अंतर्गत बलौदाबाजार, कसडोल, अभनपुर, बिलाईगढ़ और बारनवापारा में संजीवनी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। दुर्ग वनवृत्त के अंतर्गत दुर्ग शहर में राजेन्द्र चौक के समीप, नवागढ़, डौंडी, राजनांदगाव, लोहारा, डोंगरगढ़, कवर्धा, कांकेर वनवृत्त के अंतर्गत नया बस स्टैण्ड कांकेर, भानुप्रतापपुर, पखांजूर, कोण्डागांव, जगदलपुर वनवृत्त के अंतर्गत संजय मार्केट जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, बिलासपुर वनवृत्त के अंतर्गत बिलासपुर, करोना, कटघोरा, लोरमी, मस्तुरी, रतनपुर, कानन पेण्डारी, कोरबा, अंबिकापुर वनवृत्त के तहत अंबिकापुर, प्रतापपुर, जशपुर, रामानुजगंज, बैकुण्ठपुर तथा मनेन्द्रगढ़ में उत्तम गुणवत्ता के अच्छे उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है।