क्रिकेट से एक साल के लिए बाहर हुआ ये खिलाड़ी, टीम इंडिया को WTC फाइनल में दी थी मात

नई दिल्ली. Kyle Jamieson of New Zealand: क्रिकेट में खिलाड़ियों का चोटिल हो जाना आज के दिन काफी आम हो गया है। खिलाड़ी दुनियाभर में इतना ज्यादा क्रिकेट खेल रहे हैं जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई खिलाड़ी सालों तक इंजरी के कारण प्रोफेशनल क्रिकेट से दूर रहते हैं। ऐसा ही कुछ एक स्टार खिलाड़ी के साथ हुआ है। यह प्लेयर कोई और नहीं बल्कि न्यूजीलैंड के काइल जैमीसन हैं। वही काइल जैमीसन जिन्होंने WTC 2021 के फाइनल में शानदार गेंदबाजी कर टीम इंडिया को हराया था।

एक साल के लिए क्रिकेट से रहेंगे दूर

काइल जैमीसन को एक और बड़ा झटका लगा है, जब स्कैन में उनकी पीठ पर एक नया स्ट्रेस फ्रैक्चर सामने आया है जो उन्हें कम से कम एक और साल के लिए खेल से बाहर रखने के लिए तैयार है। नई चोट पीठ के उसी हिस्से पर है जहां पिछले साल सर्जरी हुई थी। हालांकि, इस बार उन्हें ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं होगी। जैमीसन ने एक बयान में कहा कि “पिछले कुछ दिन मेरे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण रहे हैं लेकिन मैं अपने साथी, परिवार, टीम के साथियों, सपोर्ट स्टाफ और मेडिकल टीम से मिले समर्थन के लिए बेहद आभारी हूं। मैं जानता हूं कि एक क्रिकेटर के रूप में इंजरी जीवन का हिस्सा हैं और इस उम्र में मुझे उम्मीद है कि मेरे पास अभी भी खेलने के कई दिन बाकी हैं।”

इंजरी से रहा पुराना नाता

29 वर्षीय खिलाड़ी को पीठ की समस्याओं के कारण पिछले कुछ सालों में निराशाजनक स्थिति का सामना करना पड़ा है। जून 2022 में चोटिल होने के बाद वह पिछले फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर लौटे थे। हालांकि, उनकी वापसी से ठीक पहले उन्हें ऐसी इंजरी हुई जिसके कारण सर्जरी के लिए जाना पड़ा और उन्हें कुछ महीनों के लिए बाहर होना पड़ा। भले ही उन्होंने रिकवरी के बाद तीनों फॉर्मेट में सफल वापसी की, लेकिन नई इंजरी के कारण वह 2024 में दोबारा मैदान पर नहीं उतर पाएंगे।

न्यूजीलैंड के मुख्य कोच गैरी स्टीड ने कहा कि हम सभी ने देखा है कि काइल ने इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के लिए कितनी मेहनत की है और उनके लिए इस तरह का झटका मिलना कठिन खबर है। सकारात्मक पहलू यह है कि हम जानते हैं कि वह न्यूजीलैंड के लिए क्रिकेट खेलना जारी रखने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं और रिकवरी की राह पर हम पूरी तरह से उनके साथ रहेंगे। उनका संकल्प कम नहीं हुआ है।