मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक रिश्वतखोर सब रजिस्ट्रार को गिरफ्तार किया गया। लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए सब रजिस्ट्रार के पास से रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली। आरोपी ने रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वत मांगी थी। पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई की गई।
भोपाल लोकायुक्त को शहर से लगे बैरसिया में रहने वाले नीरज साहू ने एक जुलाई को लिखित में शिकायत की। इस शिकायत में उसने सब रजिस्ट्रार बैरसिया मेहमूद खान पर 4 रजिस्ट्री कराने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। उसने बताया कि वह रजिस्ट्रार ऑफिस बैरसिया में सर्विस प्रोवाइडर का काम करता है। सब रजिस्ट्रार मेहमूद खान ने एक रजिस्ट्री के लिए 10 हजार रुपये की मांग की। उन्होंने टोटल चार रजिस्ट्री के 40 हजार रुपए की मांगे थे। लोकायुक्त ने शिकायत को जांच में सही पाया और इसके बाद जाल बिछाकर मेहमूद खान को गिरफ्तार किया।
लोकायुक्त पुलिस के कहने पर नीरज ने महमूद को रिश्वत देने के लिए हामी भर दी। महमूद ने रिश्वत की टोटल राशि 40 हजार की जगह 35 हजार मांगे। पूरी प्लानिंग के साथ नीरज ने बैरसिया रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर जब महमूद को 35 हजार दिए तो लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के बाद अब शहर के रजिस्ट्रार कार्यालयों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है तो फिर रिश्वत का खेल कैसे चल रहा है।