सतना से पी मनीष की रिपोर्ट….
- वृद्द की हत्या ने लिया राजनैतिक रंग
- आदिवासी समाज का सदस्य था मृतक
- पुलिस ने जवाब देने की जगह मीडियाकर्मियो से की बदसलूकी
- कैमरे छीन कर अपने पास रख लिया…
सतना के रामपुर थाना अंतर्गत नेमुआ गांव में आदिवाशी वृद्द कि पत्थर से पटक कर हत्या कर दी गई है। मामले से इलाके में सनसनी फैल गयी । पुलिस ने इस हत्या मामले के आरोपी को गिरफ्त तो कर लिया है लेकिन जघन्य हत्या का ये मामले चुनावी रंग लेने लगा है । मृतक के परिजन हत्या के आरोपी को भाजपाई बता दे रहे है । परिजनो के आरोप पर सच्चाई जानने जब मीडियाकर्मी रामपुर थाने पंहुचे,, तो पुलिसकर्मियो खिंसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर मीडियाकर्मियो पर ही बरसने लगी। औऱ पुलिस वाले ने सच्चाई बताने की जगह पर मीडिया कर्मियो का कैमरा ही छीन लिया ! जिसके बाद पुलिस और मीडिया कर्मियो के बीच जमकर कहा सुनी भी हुई ।
दरअसल रामपुर थाने के नेमुआ गांव में सुभोला नामक बृद्ध आदिवासी को पत्थरो से कुचलकर कुचल उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गयी । मृतक वृद्द कि सी तरह मजदूरी कर अपना गुजरा करता था,, लेकिन बीती रात गांव का ही आदतन अपराधी किस्म के युवक ने बृद्ध कि हत्या कर दी और उसके पैसे भी लूट लिए । इसकी खबर लगते ही पुलिस ने तत्परता दिखाई और घटना के बाद आरोपी को हिरासत में भी ले लिया लेकिन ना जाने क्यो हत्या के इस मामले को लेकर पुलिस कुछ भी कहने से बचती रही। इतना ही नहीं पत्रकारो को कवरेज करने से भी रोका गया,,और पुलिसकर्
मियो ने कैमरे को भी अपने कब्जे में लिया और तो और इस दौरान पुलिस ने मीडिया कर्मियो से जमकर बदसलूकी भी की। वही मृतक के परिजन गांव की राजनिती के रंग मे आकर मौत पर मातम मनाने की बजाय मामले को राजनैतिक रंग देने पर आमादा है ।
इस घटना पर गांव मे राजनिती शुरु हो गई तो इलाके मे इस तरह की हत्या की वारदात के बाद दहशत पसरा हुआ है तो ऐसे मे पुलिस का गैर जिम्मेदारना रवैया घटना मे ,संदेह की कीचड उछालने के लिए पर्याप्त है। अब सवाल ये है कि जब हत्या के मामले को लोकसभा चुनाव के माहौल मे लोग राजनैतिक तूल दे रहे है,, तो पुलिस भला सच्चाई छुपाने मे क्यो मशगूल है ???