लडकी विदा होने से पहले करेगी वृक्षारोपण.. सतना जिले मे एक अनोखी परंपरा की हुई शुरुआत..

SATNA KE ANOKHE PARAMPRA
ANOKHE PARAMPRA

महिला सरंपच की सकरात्मक सोंच का परिणाम

गांव वालो ने भी शुरु किया निर्वहन..

नव दंपत्ति ने वृक्षारोपण कर अनोखी पंरपरा का किया आगाज..

 

सतना से पी.मनीष की रिपोर्ट…

 

सतना जिले की एक पंचायत की ग्राम सभा ने एक फरमान जारी करते हुए, एक अनूठी परम्परा की शुरुआत कर दी है। लेकिन ये फरमान और पंरपरा गांव के लिए वरदान साबित हो सकती है,, दरअसल ग्राम सभा ने फरमान जारी किया है कि अब की हर लडकी की शादी के दौरान वर वधु वृक्ष लगा वृक्षारोपण करने की परंपरा का भी निर्वहन करेंगे , इतना ही नही वृक्ष की हिफाज़त और भविष्य मे उस पर आने वाले खर्च का वहन , लडकी के ससुर, पंचायत और लडकी के मॉ बाबा करेगे। आज इस परम्परा की शुरुआत,,  शादी के नवबंधन मे बंधने के दौरान एक  नवदम्पत्ती जोडे ने  वृक्षा रोपण कर, किया।

एक वृक्ष सौ पुत्र ये स्लोगन जगह जगह पढने को मिल जाता है। जो वृक्षों की महत्वता को दर्शाता है। सतना के सकरिया गॉव में वृक्ष की महात्वता को ध्यान में रखते हुए एक अनूठी परम्परा की शुरूआत 65 गणतंत्र दिवस के दिन से हो गई है।  दरअसल ग्राम पंचायत ने निर्णय लिया कि अब गांव की हर लडकी अपने वैवाहिक कार्यक्रम के समय एक वृक्ष लगाएगी। ऐसा ही किया सकरिया के अमर बहादुर की पुत्री रीति व सुनील ने। रीति व सुनील ने अपनी यादो और ग्राम सभा के निर्देशो का पालन करते हुए गांव मे एक फलदार कटहल का वृक्ष रोपित किर, एक इस अनूठी  परम्परा की शुरूआत की। जबकी रीति के ससुर ने 1100 ट्री गार्ड के लिए देकर उनकी इस सोच में भागीदार बने। रीति की मॉ की माने तो वो इस वृक्ष में अपनी बेटी की यादो को जिंदा रखेगी और वृक्ष का पूरा ख्याल रखेगी।

गौरतलब है सतना जिले के सकरिया गॉव मे ही जेपी भिलार्इ सीमेन्ट प्लांट स्थित है जो गांव के खेत औऱ बागानो से सटा है,, लिहाजा फैक्ट्री से निकलने वाले धुंए और धूल से पर्यावरण को पूरी तरह प्रभावित कर रहा है। ऐसे में गांव की महिला संरपच की सार्थक सोंच के परिणाम स्वरुप इस अनोखी परम्परा का आगाज काबिले तारीफ तो है ही,, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन शुरु हुई इस अलग व्यवस्था का पालन अगर गण और तंत्र एक साथ मिलकर करे,, तो भारत वृक्षारोपण के मामले मे भी नई मिशाल कायम कर सकता है।

 रीता सिंह लडकी की माँ

अपनी अपनी बेटी दूसरे घर भेज दी है, लेकिन उसके द्वारा लगाया गया पौधा हमेशा उसकी याद को जिंदा रखेगा। और इसके साथ ही हम इस पौधे को वृक्ष बनाने तक इसका ख्याल रखेंगे।

 निर्मला मिश्रा  सरपंच सकरिया

इस अनूठी परंपरा की नींव रखने वाली सकरिया गॉव की महिला सरपंच की माने तो ये परम्परा जिले के साथ.साथ पूरे प्रदेष में लागू की जानी चाहिए। ताकी पर्यावरण सुरक्षित हो सके।