उज्जैन/मध्यप्रदेश। उज्जैन के एक छात्र के इंदौर में दिन दहाड़े अपहरण की खबर झूठी निकली। पुलिस ने मामला सुलझा लिया और केस पर खात्मा भी लगा दिया। दरअसल ये मामला एक ऑनलाइन गेम फ्री फायर की लत का था। गेम खेलने के लिए उसने मां के पैसे चुरा लिए थे। डांट से बचने के लिए अपने अपहरण की कहानी रच दी थी।
उज्जैन पुलिस को सूचना मिली थी कि निकास चौराहे पर कोचिंग जा रहे एक छात्र का दिन-दहाड़े अपहरण कर लिया गया। छात्र दसवीं में पढ़ता है। पुलिस को शुरू से ही दाल में काला नजर आया। उसने छानबीन की तो सच सामने आ गया। छात्र ने अपनी मां के बैग से डेढ़ हजार रुपये चुराए थे। उसकी चोरी न पकड़ी जाए उससे बचने के लिए पहले उसने खुद को घायल किया और फिर झूठे अपहरण की सूचना दे दी।
जीवाजीगंज क्षेत्र में शीतला माता मंदिर क्षेत्र में रहने वाला 10 वीं का ये छात्र इंदौर के राजवाड़ा में रोते हुए मिला था। लोगों ने उसे सर्राफा थाने पहुंचाया था। वहां उसने पुलिस को बताया था कि जब वो कोचिंग जा रहा था उसी दौरान दो बदमाश उसे बेहोश कर कार की डिक्की में डालकर ले जा रहे थे। उन्होंने उसे पीटा भी। मौका मिलने पर वह उनके चंगुल से छूटकर भाग निकला।
पुलिस ने उस वक्त तो छात्र को परिवार वालों को सौंप दिया। लेकिन उसे छात्र की कहानी पर यकीन नहीं हुआ। उसने अज्ञात अपहरणकर्ताओं के खिलाफ जीरो पर केस कायम कर जांच के लिए डायरी कोतवाली पुलिस को भेज दी थी। पुलिस ने पूरा मामला गंभीरता से लेकर जांच शुरू की और बार बार छात्र से पूछताछ की। पहले तो छात्र अपहरण की कहानी दोहराता रहा। फिर पुलिस ने उसे भरोसा दिलाया कि वो सच बताए। वो जो भी बताएगा उसे उसके घरवालों को नहीं बताएंगे।
इतना भरोसा दिलाने के बाद छात्र ने कबूला कि वह मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता है। फोन में टॉप अप डलवाने के लिए उसने अपनी ही मां के अकाउंट से करीब 1500 रुपये चुरा लिए थे। ये बात घरवालों को पता चल जाती इस डर से वो खुद ही भाग गया था और ये कहानी बना डाली थी। मामला सुलझ जाने और छात्र की उम्र को देखते हुए पुलिस अब केस में खात्मे की कार्रवाई कर रही है।