शहडोल से सचिन गुप्ता की रिपोर्ट
- बैगा जाती के 43 लोगो की फर्जी भर्ती का मामला
- सी.एच.एम.ओ, डाँ.उमेश नामदेव पर आरोप
- कमिश्नर की जांच में हुआ खुलासा
शहडोल जिले के स्वास्थ्य विभाग में विशेष बैगा जनजाति के 43 युवको की नियम विरूद्द भर्ती कर,, जमकर भ्रष्टाचार किया गया है । मामले का खुलासा कमिश्नर द्वारा करायी गयी जॉच में हुआ।
दरअसल जिले के स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2012- 13 में तत्कालीन मुख्य स्वास्थ एंव चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश नामदेव द्वारा 43 बैगा युवको की भर्ती सारे भर्ती नियमो को दरकिनार करते हुए कर दी थी । जनवरी 2013 में न ही भर्ती के लिये विज्ञापन प्रकाशित किये गए और न ही कोई समिति बनाई । चोरी छिपे 43 बैगा युवको को वार्ड वाय, ड्रेसर , एक्सरे सहायक, आया जैसे पदो में नौकरी दे दी गयी । कुछ को कलेक्टर दर पर तो कुछ लोगो को नियमित भर्ती कर भ्रष्टाचार किया गया ।
मामले का खुलासा तब हुआ जब साल भर से नौकरी कर रहे इन युवको को वेतन नही मिला । वेतन न मिलने की शिकायत कमिष्नर के यहा जनसुनवाई में की गयी । तो पता चला की सारी नियुक्तिया ही अवैध थी । तब कमिश्नर ने टीम गठित कर पूरे मामले की जॉच करायी जॉच कराये जाने पर ये भर्ती घोटाला सामने आया ।
सी.एम.एच.ओ डॉ . उमेश नामदेव ने जिले को भ्रष्टाचार की चारागाह बना दिया था। इनकी मनमर्जी इस कदर बढ़ गयी थी की बैगा विषेष पिछड़ी जनजाति के युवको के भर्ती में भी बिना समिति की अनुषंसा, और भर्ती नियमो को दरकिनार कर मनमाने तरीके से 43 वैगा युवको की भर्ती कर जमकर भ्रष्टाचार किया । भर्ती में कई युवक अन्य जिलो में भी है। भर्ती घोटाले के दोषी तत्कालीन सी.एम.एच.ओ पर कड़ी कार्यवाही की मांग उठने लगी है।
नियम विरूध्य हई भर्ती से जंहा बेरोजगार बैगा युवको को नौकरी के अवसर से हाथ धोना पड़ा । वही नौकरी कर रहे 43 युवको की नौकरी भी खतरे में पढ़ गई है। पूरे मामले में दोषी सी.एम.एच.ओ डॉ0 उमेष नामदेव अब भी बेदाग साफ बचे हुये है। देखना यह है कि जॉच के बाद दोषी पाये गये सी.एम.एच.ओ पर प्रसासन क्या कार्यवाही करता है।
डी पी अहिरवार(शहडोल कमिश्नर
श्री अहिरवार ने जाँच रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की बातज कही है।