पिछले 2 साल से आँख के केंसर से पीड़ित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की सफेद बाघिन ललिता की आज रात मृत्यु हो गई। ललिता का 20 दिनों से सतत उपचार किया जा रहा था। ललिता 14 वर्ष की थी। सफेद बाघ में सामान्य बाघ की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ उनकी औसत आयु भी कम होती है। बाघिन ललिता को 22 अप्रैल, 2009 को उड़ीसा के भुवनेश्वर स्थित नंदन कानन जूलाजिकल पार्क से 9 वर्ष की उम्र में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था। बाघिन का पोस्टमार्टम वन विहार के वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता, वाइल्ड लाइफ एस.ओ.एस. के चिकित्सक डॉ. सान्यो जानसन एवं राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला की डॉ. सीमा भिंडवाले द्वारा किया गया। शव परीक्षण की प्राथमिक रिपोर्ट में मृत्यु का कारण केंसर ग्रोथ के नेजल चेम्बर में पहुँच जाने के कारण श्वसन अवरोध का होना बताया गया है। मृत बाघिन के सेम्पल एकत्रित कर सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ एण्ड फोरेंसिक पशु चिकित्सा एवं पशु-पालन महाविद्यालय जबलपुर एवं डी.आई. लैब भोपाल भी भेजे जा रहे हैं। पोस्टमार्टम उपरांत ललिता का शवदाह कर दिया गया है। |