Viral Video: भाभी से इश्क के शक में पंचायत ने दी सज़ा, ‘अग्निपरीक्षा’ का सुनाया फरमान, दिल दहला देगा वीडियो

फटाफट डेस्क. माता सीता को रावण की कैद से मुक्त होने के बाद अयोध्या में आने के लिए अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी। ये अग्निपरीक्षा उनके चरित्र पर सवाल बन गई। जिसे आज भी याद किया जाता है। माता सीता ने अग्निपरीक्षा पास की और अपनी सच्चाई और शुद्धता का प्रमाण दे दिया, लेकिन आज के दौर में ऐसा होगा हैरानी भरा है। इस बार किसी महिला को नहीं बल्कि एक पुरुष को अपनी सच्चाई साबित करने के लिए अग्निपरीक्षा देनी पड़ी। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ। जो आपके रोंगटे खड़े कर देगा। एक शख्स को धधकते अंगारों से गर्म लोहा निकालने की सजा दी गई। असल में ये ‘अग्निपरीक्षा’ उसे नाजायज ताल्लुकात के शक में देनी पड़ी। बताया गया कि भाभी से अफेयर के शक में शख्स को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा।

सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर शख्स की अग्निपरीक्षा का वीडियो वायरल हो रहा है जो तेलंगाना काहे और अग्निपरीक्षा दे रहे शख्स का नाम गंगाधर बताया गया। खबर के मुताबिक शख्स को अग्निपरीक्षा इसलिए देनी पड़ रही है, क्योंकि गांव वालों को शक था कि उसका अपनी भाभी यानी भाई की पत्नी से आप में अवैध संबंध था। बस इसी शक में लोगों ने उसे अंगारों को पार करने की सजा दे डाली, जो उसके पाक चरित्र का सबूत होगी। वीडियो वायरल होने के बाद इसे मॉडर्न जमाने की अग्निपरीक्षा कहा जा रहा है। जहाँ शख्स को जलती आग में कूदने को तो नहीं कहा गया, लेकिन अंगारों में धधकती लोहे की रॉड को हाथ से उठाने का सजा दी गई।

जैसा कि वायरल वीडियो में नजर भी आ रहा है शख्स ने पहले अंगारों की परिक्रमा की उसके बाद हाथ जोड़कर शायद भगवान से कुछ मन्नत की। उसके बाद अपने हाथों से अंगारों के बीच जलती लोहे की रॉड को उठाकर फेंक दिया और फिर वहां से चलता बना। अपनी वफादारी साबित करने के लिए गंगाधर नाम के शख्स को ये सजा गांव की पंचायत ने दी थी। एक यूज़र ने ट्विटर पर इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा- “Agnipareeksha! रामायण के एक आधुनिक दिन के संस्करण में, एक पति को आग में कूदने के लिए बनाया गया था। मुलुगु में #Telangana अपनी निष्ठा साबित करने के लिए गंगाधर को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए आग से एक लाल गर्म कुदाल को हटाने के लिए कहा गया। दिलचस्प बात यह है कि यह उसकी पत्नी नहीं थी जिसने उस पर संदेह किया था।”