रिर्पोट – रवि कुमार
दुनिया के सबसे बड़े सोसल नेटवर्क साईड फेसबुक में युवाओं की बढ़ती रूचि और दुनिया के कोने-कोने में बैठे मित्रों से संपर्क साधने के लिएं यह साईड वाकई बेहद अच्छा साबित हो रहा है पर इन दिनों हमारे देष के राजनेताओ और कुछ अति सम्मानीय लोगों की अधनंगी अश्लील तस्वीरों को फेसबुक के जरिये परोसा जा रहा है। आधुनिकता के दौर में कम्प्यूटर पर अटखेलिया करते युवाओं में अपनी जिज्ञासाओं को एक दूसरे से बाटने में फेसबुक जैसी साईट अहम रोल अदा करती है। लेकिन इसके अब दूरगामी परिणाम सामने आने लगे है। मजाक में किया गया एक तस्वीर पर सेयर दुनिया की नजरों में हमें खुद को गिरा रहा है। भारत के राजनेताओं की अश्लील चित्रों ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर हम क्या कहना चाहते है कांग्रेस के नेताओं की बात हो या फिर योग गुरू बाबा रामदेव की या फिर समाज सेवी अन्ना हजारे फेसबुक के साइट में कोई भी इज्जतदार नही रहा। देष दुनिया के आईने में हमारे युवा साथी अपनी ही गंदी तस्वीर को देखकर ठहाके लगाते है।
अब हम कैसे कह सकते है कि हमे हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है तस्वीरों की बात करें तो देश के प्रधानमंत्री माननीय मनमोहन सिंह को भिखारी के रूप में, फिल्म बाडीगार्ड फिल्म डान के अभिनेता के रूप में, मजदूर के रूप में, कुली के रूप में, खिलाडी के रूप में और चिराग से निकले जिन के रूप में व अन्य कई रूपों में पेश किया गया है। साथ ही राष्टीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी फिल्म मर्डर 2, फिल्म बाडीगार्ड, फिल्म हम दिल दे चुके सनम और मरियम के रूप में, सांप के रूप में, विवाह जोडे के रूप में, फिल्म टाइटेनिक की हिरोइन के रूप में, अचार बेचते महिला के वेष में, शीला के रूप में दिखाया गया है। योग गुरू बाबा रामदेव को सोनिया गांधी के साथ विवाह जोडे में और अन्ना हजारे व सुषमा स्वराज के साथ स्वीस बैंक के हीरों के रूप में दिखाया गया है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को गाडी पोछते, वोट की भीख मांगते और कपिल सिब्बल साहब को कांगे्रस फुटवेयर के उदघाटन करते, बच्चे के रूप में और बच्चे बने मनमोहन को गोद में उठाकर पानी में डूबोते दिखया गया है। वहीं दिगविजय सिंह को भी ओसामा बिन लादेन का समर्थक और आरएसएस का एजेंट दिखाया गया है। वहीं इस फेसबुक में पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को सिगरेट पीते और तो और राष्टपिता महात्मा गांधी को टाइटेनिक फिल्म के अभिनेत्री के साथ सेक्सी तस्वीरों पे दिखाया गया है। पर इसके विपरित अगर साईट के अच्छाईयों की बात करे तो दुनिया के कोने कोने में बैठे लोगों से दोस्ती करने और बात कर अपनी जिज्ञासाओं को प्रकट करने का अच्छा साधन है लेकिन देष के युवाओं की जिज्ञासा का प्रचार प्रसार किस ओर जा रहा है यह एक सोचनीय प्रष्न है।
बहरहाल कुछ भी हो फेसबुक में युवा अपनी सोच का प्रचार प्रसार करते है और अगर इन तस्वीरों से किसी को बुरा लगता है तो इनकों क्या। हाॅ अगर बस यू ही चलता रहा तो दुनिया की नजरों में भारतीय युवाओं की छबि धूमिल हो सकती है।