नई दिल्ली एक्टर आर माधवन का जन्म 1 जून 1970 को जमशेदपुर में हुआ था।माधवन का पूरा नाम रंगनाथ माधवन है। माधवन एक्टर के अलावा राइटर, डायरेक्टर और होस्ट भी हैं। फिल्म इंडस्ट्री में अपने दम पर मुकाम हासिल करने वाले माधवन आर्मी में करियर बनाना चाहते थे लेकिन अगर वो आर्मी ऑफिसर बन जाते तो दुनिया साउथ के इस क्यूट हीरो को देखने से चूक जाती।
माधवन के पिता टाटा स्टील में मैनेजमेंट एग्जिक्यूटिव थे और मां सरोज बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थीं। माधवन की एक बहन देविका रंगनाथन भी हैं। देविका यूके में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। माधवन शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। उन्हें साल 1988 में अपने स्कूल को कल्चरल एम्बेसडर के तौर पर कनाडा में रिप्रेजेंट करने का अवसर मिला था। इसके अलावा माधवन एनसीसी के बेहतरीन कैडेट भी थे।
पढ़ाई में अच्छे होने के साथ माधवन अन्य चीजों में भी काफी दिलचस्पी लेते थे। उन्हें महाराष्ट्र बेस्ट कैडेट से नवाजा भी जा चुका है। साथ ही एनसीसी कैडेट के तौर पर उन्हें इंग्लैंड जाने का मौका भी मिला था। वहां उन्होंने ब्रिटिश आर्मी, रॉयल नेवी और रॉयल एयरफोर्स से ट्रेनिंग ली। इसके चलते उन्हें कई बार विदेश जाने का मौका मिला। अब हम आपको बताते हैं कि वो हीरो कैसे बन गए।
1996 में माधवन अपना एक पोर्टफोलियो मॉडलिंग एजेंसी में सबमिट कर दिया। क्यूट फेस और इंप्रेसिव पर्सनालिटी की वजह से उन्हें ऐड के ऑफर मिलने लगे। 1996 में माधवन ने सैंडलवुड टॉक ऐड में काम किया। इसके डायरेक्टर संतोष सिवान ने मणिरत्नम से उन्हें अपने अगले प्रोजेक्ट ‘इरुवर’ में कास्ट करने को कहा। ये माधवन की पहली फिल्म थी जो सुपरहिट रही।
माधवन को फिल्में पाने के लिए ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ा। उनकी एक के बाद एक फिल्में हिट होती गईं और देखते ही देखते वो सुपरस्टार बन गए। 1998 में माधवन ने एक इंग्लिश फिल्म ‘इन्फर्नो’ में भी काम किया था। इसमें वो इंडियन पुलिस ऑफिसर की भूमिका में नजर आए थे। फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ से माधवन को हिंदी सिनेमा में पहचान मिली।