पत्थरों पर तराशी गई सुंदर कला की नगरी है खजुराहो। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चन्देल राजाओं 950-1050 ईस्वी के मध्य करवाया था। इन मंदिरों की संख्या 85 थी लेकिन अब इनकी संख्या कम हो गई हैं। ये मंदिर मध्य युगीन भारत की शिल्प एवं वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट नमूने हैं। यहाँ दूर-दूर तक फैले मंदिरों की दीवारों पर देवताओं तथा मानव आकृतियों का अंकन इतना भव्य एवं कलात्मक हुआ कि दर्शक देखकर मंत्र-मुग्ध रह जाते हैं।
- पश्चिम समूह के मंदिर-कंदरिया महादेव, चौंसठ योगिनी, चित्रगुप्त मंदिर, लक्ष्मण मंदिर तथा मातंगेशवर मंदिर।
- पूर्वी समूह-पार्श्वनाथ मंदिर घंटाई मंदिर, आदिनाथ मंदिर।
- दक्षिण समूह-दूल्हादेव मंदिर तथा चतुर्भुज मंदिर। इसके अलावा-बेनी सागर बांध स्नेह प्रपात भी दर्शनीय हैं।
वायु मार्ग:- दिल्ली आगरा और वाराणासी से खजुराहो के लिए विमान सेवा है।
रेल सेवा:- सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरपालपुर (94 कि.मी.) और महोबा (61 कि.मी.) है। दिल्ली और मद्रास से आने वालों के लिए झांसी (172 कि.मी.) काफी सुविधाजनक है। मुंबई-इलाहाबाद लाईन पर सतना (117 कि.मी.) में उतरना बेहतर है।
सड़कमार्ग:- खजुराहो के लिए सतना, हरपालपुर, झांसी और महोबा से एस सेवाएं चलती हैं।
ठहरने के लिए:- मध्यप्रदेश शासन के होटल, पर्यटक बंगला, निजी होटल आदि यहां हैं।