FatafatNewsDesk: गर्मियों में पंखा हर इंसान के लिए बेहद जरूरी हो जाता हैं। भीषण गर्मी में पंखा हमें राहत प्रदान करता हैं। पंखें की हवा से हमें राहत मिलती हैं। हमें कई बार ऐसा लगता हैं कि, जब हमारा पंखा नया था। तब तो तेज चलता था। लेकिन, जैसे-जैसे पंखा पुराना हुआ इसकी स्पीड कम हो गई. इसके पीछे का कारण क्या हैं? पंखे को तेज और धीमा करने में अहम भूमिका निभाता हैं कंडेसर, कंडेसर की वजह से ही पंखा राकेट की तरह चलता हैं। लेकिन, जब कंडेसर पुराना हो जाता हैं तो वह धीरे-धीरे चलने लगता हैं।
दरअसल, कंडेनसर एक ऐसा डिवाइस हैं। जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी को स्टोर करने का काम करता हैं। इसमें दो इंसुलेटेड कंडक्टर होते हैं। जो एक दूसरे के पास ही होते हैं। इलेक्ट्रिक फैन के सर्किट में एक स्विच, एक बिगनिंग वाइंडिंग, एक रनिंग वाइंडिंग और स्टेटर शामिल रहते हैं। एक कंडेनसर स्टार्टिंग वाइंडिंग और रोटोर के साथ जुड़ा रहता हैं। ऐसे में सवाल उठता हैं कि, पंखे कंडेनसर का काम क्या होता हैं? दरअसल, एक मोटर जो कंडेनसर को चलाती हैं, इसे एक इलेक्ट्रिक कंडेनसर बना देती हैं। ये सिंगल फेज AC इंडक्शन मोटर के कई वाइंडिंग में करंट को बदल देता हैं। इसके बदले में बदले में एक मैग्नेटिक टॉर्क बनता हैं।
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दरअसल, पंखे की मोटर अपने आप चालू नहीं होती हैं। इसे स्टार्ट करने के लिए अलग पावर की जरूरत होती हैं। अगर आप बिजली से पंखे को चलाएंगे तो ये संभव नहीं हो पाएगा। पंखे की मोटर से वाइंडिंग के एक हिस्से में एक कंडेनसर जुड़ा होता हैं, जो करंट को अलग अलग फेज म बांटता हैं। यह वाइंडिंग के बीच का अंतर को भी स्पष्ट करता हैं।
आपने देखा होगा कि, जब कई बार पंखा नहीं चलता हैं और चलता भी हैं तो बहुत ही धीमे गति से। जिससे आप हाथ से या किसी लकड़ी से पंखे को चलाने की कोशिश करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, यह शुरुआती धक्का होता हैं। जो पंखे को चालू करने करने के काम आता हैं। बता दें कि, यही काम कंडेनसर भी करता हैं। कंडेनसर पंखे में यही फोर्स पैदा करता हैं, जिसके पंखे में रहने से पंखे को घूमने की ताकत मिलती हैं। यदि आपका भी पंखा धीरे चलता हैं तो 2.5 माइक्रोफैरड के कंडेनसर को लगाकर अपने पंखे की स्पीड बढ़ा सकते हैं। बाजार में कंडेनसर आपको 30 रुपए से 70 रुपए तक में मिल जाएगा।